देशभर में कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही जंग में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वालों को कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है, लेकिन ऐसे कई राज्य हैं, जहां यह टीकाकरण संभव होता नहीं दिख रहा है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात के बाद अब पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी 1 मई से सभी वयस्कों के टीकाकरण पर फिलहाल ग्रहण लगता नजर आ रहा है। दरअसल, इन राज्यों की ओर से कहा गया कि उनके पास पर्याप्त टीके की खुराकें नहीं हैं, ऐसे में टीकाकरण की शुरुआत करना संभव नहीं है। इससे पहले राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तमिलनाडु भी इसी तरह की मजबूरियां केंद्र सरकार के सामने रख चुके हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य में सभी वयस्कों को टीकाकरण 1 मई से शुरू नहीं हो सकेगा, क्योंकि टीकों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो सकी है। गुरुवार रात वीडियो संदेश में शिवराज ने कहा कि राज्य में टीकाकरण का आगाज 3 मई से हो सकता है। उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने गुरुवार को कहा कि हमें टीके की पर्याप्त खुराकें नहीं मिल रही हैं। इसलिए हमें समस्या का सामना करना पड़ रहा है। टीकाकरण के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या में कर्मचारी और अन्य व्यवस्था है। टीकाकरण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 30 लाख कोविशील्ड खुराक के ऑर्डर दिए हैं।
टीकाकरण को लेकर गुजरात सरकार ने कहा कि दवा कंपनियों से पर्याप्त संख्या में टीका मिलने पर ही वह तीसरे चरण का टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। बहरहाल, राज्य में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक के लोगों के टीकाकरण के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य ने कोविशील्ड की एक करोड़ खुराक और भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 50 लाख खुराक का ऑर्डर दिया था। तेलंगाना जन स्वास्थ्य के महानिदेशक जी श्रीनिवास राव ने एजेंसी को बताया कि राज्य सरकार टीका निर्माताओं के संपर्क में है, लेकिन इसे लेकर कोई निश्चितता नहीं है कि टीकाकरण के लिए स्टॉक कब उपलब्ध होगा। राव ने कहा, हम कोरोना के टीके की तलाश में हैं। हमें करीब 4 करोड़ खुराक की जरूरत है। कब आपूर्ति होगी, इसका कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
आंध्र के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने निर्माताओं को टीके की आपूर्ति के लिए पत्र लिखा था और अभी उनसे कोई पुष्टि नहीं मिली है। उन्होंने संकेत दिया कि 18-44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण में देरी मुमकिन है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को चेताया कि मुंबई में अगर टीके की पर्याप्त खुराक नहीं पहुंचती है तो कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अगले दो दिनों तक रोकना पड़ सकता है। इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि टीकों की कमी के कारण एक मई से अभियान शुरू करना मुश्किल है।
बिहार में 18 से 44 साल के लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण अभियान एक मई से नहीं शुरू हो पाएगा। बिहार स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि 18 से अधिक उम्र वालों के लिए निबंधन की प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन वे सिर्फ टीकाकरण स्थान और समय का निर्धारण नहीं कर पाएंगे। यह टीका के उपलब्ध होने के बाद ही शुरू होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए आबादी के अनुसार टीका का कोटा तय करेगी।
झारखंड की स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि झारखंड में 18+ लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू नहीं हो पाएगा। क्योंकि इसके लिए राज्य सरकार के पास टीका ही नहीं है। मंत्री ने कहा कि 18 से 45 साल तक के लोगों को फ्री में टीकाकरण करने की तैयारी हो चुकी है। 2229 से ज्यादा टीकाकरण केंद्र तैयार हैं। अपने पैसे से टीका खरीदने के लिए झारखंड सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीच्यूट को 25-25 लाख टीके का ऑर्डर दिया है, लेकिन कंपनियों ने 15 मई से पहले टीका उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की है।