कोरोना महामारी से चल रही जंग में भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है, जिसके पहले चरण में सफलता पूर्वक हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया जा चुका है। दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वॉरियर्स को टीका लगाया जा रहा है और तीसरे चरण में 50 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। भारत के स्वदेशी टीको को स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरी तरह से सुरक्षित बताया है।
बता दें कि बुधवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड -19 वैक्सीन को लगवाने वाले व्यक्तियों में भारत की मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। देश में अब तक टीकाकरण के बाद केवल 23 लोगों की मौत दर्ज की गई है, कुल टीकाकरण से होने वाली मौतों का प्रतिशत 0.0003% है, 23 मौतों में से 9 लोगों की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि 14 की मौत अस्पताल के बाहर दर्ज है।
केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी व्यक्ति की मौत को कोविड -19 टीकाकरण से नहीं जोड़ा गया है, इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में उपयोग के लिए स्वीकृत दोनों कोरोना वैक्सीन सर्वोच्च रूप से सुरक्षित हैं। नीती आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा,“इस बात में कोई संदेह नहीं है कि दोनों वैक्सीन बहुत सुरक्षित हैं। दोनों की ही प्रतिकूल प्रतिक्रिया बहुत कम है जो 14 में से 1 के रूप में दिखते हैं, जो कि तुलना में कम है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार तक लगभग 2,00,000 लाभार्थियों को टीकाकरण के साथ 60.8 लाख हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया गया है। बता दें कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में 1 दिन में कोरोना महामारी के 12,923 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,08,71,294 हो गए, जिनमें से 1,05,73,372 लोग कोरोना से रिकवर कर चुके हैं। वहीं 1 दिन के अंदर वायरस से होने वाली मौत की संख्या लगातार 5 दिन तक 100 से नीचे रहने के बाद आज बढ़ोतरी हुई है।