वाल्मीकि फंड घोटाला: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को गिरफ्तार किया है। उन पर कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। सूत्र ने बताया कि कांग्रेस विधायक को पूछताछ के लिए उनके आवास से ईडी कार्यालय लाया गया। अपने ऊपर लगे घोटाले के आरोपों के बाद नागेंद्र ने 6 जून को इस्तीफा दे दिया था। वह अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री थे।
सूत्रों ने मुताबिक, एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज मामले में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में करीब 20 स्थानों पर छापेमारी की गई। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में पैसों के हेरफेर का मामला तब सामने आया था जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी।
सुसाइड नोट ने खोले कई राज
घटनास्थल से चंद्रशेखरन द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपए का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया है। उसमें से 88.62 करोड़ रुपए अवैध रूप से विभिन्न खातों में भेजे गए। ये बैंक खाते कथित रूप से प्रसिद्ध आईटी कंपनियों और हैदराबाद में स्थित एक सहकारी बैंक के हैं। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले की जांच के सिलसिले में नागेंद्र और दद्दल से पूछताछ की थी।
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