बीजेपी सांसद वरुण गांधी महंगाई और GST मुद्दे को लेकर विपक्ष के साथ केंद्र सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। उन्होंने खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर एक बार फिर सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर जीएसटी का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना चाहिए।
वरुण गांधी ने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने को अतार्किक बताते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर जीएसटी का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि अभी जिस तरह से इस कर को थोपा जा रहा है उससे इसका मूल उद्देश्य पीछे छूट रहा है।
दूध, आटा, दाल, चावल आदि जैसी वस्तुओं पर GST लागू हो चुका है।
शराब, पेट्रोल और डीजल आदि पर नहीं..!
अगर इस टैक्स प्रणाली का सारा बोझ आम जनता ही वहन करेगी तो इसे लाने का मूल उद्देश्य ही पीछे छूट जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर GST का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 20, 2022
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दूध, आटा, दाल, चावल आदि जैसी वस्तुओं पर जीएसटी लागू हो चुका है। शराब, पेट्रोल और डीजल आदि पर नहीं..! अगर इस टैक्स प्रणाली का सारा बोझ आम जनता ही वहन करेगी तो इसे लाने का मूल उद्देश्य ही पीछे छूट जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर जीएसटी का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा।’’ उल्लेखनीय है कि विपक्ष भी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी के लिए सरकार की आलोचना करते हुए संसद और बाहर दोनों जगह सरकार को घेरने में लगा है।