बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने रोहिंग्या मसले पर मोदी सरकार को अतिथि देवो भव: की परंपरा याद दिलाई है। वरुण ने एक लेख में कहा कि भारत को रोहिंग्या की मदद करनी चाहिए। आपको बता दे कि रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत में रहने दिया जाए या नहीं, इसे लेकर केंद्र सरकार अपना रुख भले साफ कर चुकी हो, लेकिन बीजेपी के अंदर इसे लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं।
My article in NavBharat Times today. #RohingyaCrisis pic.twitter.com/XNMEchcDqs
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
एक अखबार में लिखे लेख में सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद ने कहा कि भारत को रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने इसके लिए परंपरा का तर्क भी दिया है। उन्होंने कहा कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की परंपरा का पालन करते हुए रोहिंग्याओं को शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।
My recent piece focused primarily on defining India’s asylum policy, with clear demarcations on how we would accept refugees.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
वरुण गांधी ने लिखा कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए। लेकिन वरुण गांधी की इस अपील को देश की सरकार ने खारिज कर दिया है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा।
As for the Rohingyas, I’ve called for empathy, leading potentially to asylum, while vetting each applicant for national security concerns.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 26, 2017
वरुण गांधी ने अपने लेख में बताया कि भारत को शरणार्थियों को शरण देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने लिखा, ‘जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय एसोसिएशनों को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिये।’ इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से स्पष्ट रिफ्यूजी नीति भी बनाने की अपील की। हालांकि वरुण गांधी ने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने से पहले उनके रिकॉर्ड भी चेक किये जाने चाहिए। बीजेपी सांसद ने लिखा, ‘हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए।’ वरुण गांधी ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर अफगानियों और म्यांमारियों को मकान मालिकों के भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
वही वरुण गांधी के इस बयान के बाद ही केन्द्र सरकार में मंत्री हंसराज अहीर ने टिप्पणी देते हुए कहा कि देशहित में सोचने वाला कोई व्यक्ति ऐसा बयान नहीं देगा। जब म्यांमार की सरकार उन्हें रखने को तैयार नहीं है तो हम क्यों रखेंगे।
Jo desh ke hith mein sochega vo is tarah ke bayan nahi dega: Hansraj Ahir,MoS Home on BJP MP Varun Gandhi’s article on #Rohingyas pic.twitter.com/FwvtmncJpK
— ANI (@ANI) September 26, 2017
सियासी जानकार हंसराज अहीर के इस बयान के कई-कई मायने निकालकर देख रहे हैं। सीताराम येचूरी ने कहा, वरुण ने बात तो बहुत अच्छी कही है, लेकिन क्या वो अपनी पार्टी को इसे मनवा पाएंगे. वर्ना सोचें कि वो वहां क्या कर रहे हैं।
आपको बता दे कि रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की योजना पर केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को 16 पन्नों का हलफनामा दायर किया था. इस हलफानामे में केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है. ऐसे में ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा साबित हो सकते हैं।
केंद्र ने अपने हलफनामे में साथ ही कहा कि जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकी कनेक्शन होने की भी खुफिया सूचना मिली है। वहीं कुछ रोहिंग्या हुंडी और हवाला के जरिये पैसों की हेरफेर सहित विभिन्न अवैध व भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए।