रायपुर : चुनावी साल में रमन सरकार का बजट राज्य विधानसभा में 10 फरवरी को पेश होगा। वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री के मौर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह अपने कार्यकाल में लगातार 12वां बजट पेश करेंगे। हालांकि यह सरकार का पंद्रहवां बजट होगा। राज्य गठन के बाद पहली बार सरकार का बजट सबसे अधिक होना तय है।
मुख्यमंत्री लगातार बारहवीं बार बजट प्रस्तुत कर सदन में नया रिकार्ड कायम करेंगे। वहीं किसी भी राज्य के पहले मुख्यमंत्री भी बन जाएंगे। चुनावी वर्ष के मुख्य बजट में एक तरह से सरकार का भावी योजनाओं पर विजन भी नजर आएगा।
सरकार ने आगामी पांच वर्षों की कार्ययोजना के आधार पर रणनीति तय की है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2022 में तय किए गए लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में भी कदम आगे बढ़ता नजर आएगा। दरअसल, राज्य सरकार ने वित्तीय प्रबंधन के जरिए ही बजट की राशि लगातार बढ़ाने में सफलता पाई है।
बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी पैनी नजर रखे हुए हैं। इस वज से ऋण भार भी काफी कम हो चुका है। रमन सरकार के सत्ता संभालने के बाद राज्य में बजट का आकार लगातार बढ़ रहा है। सरकार का दावा लोक लुभावन और जनहितैषी बजट को लेकर है।
सूत्र दावा करते हैं कि इस बजट में सरकार पेट्रोलियम पदार्थों में वैट टैक्स घटाकर बड़ा दांव खेल सकती है। इसके जरिए सरकार सीधे आम लोगों को साधने की कोशिशें करेगी। वहीं वैट टैक्स से प्रभावित हर घर को राहत मिल पाएगी। चुनावी नजरिए से इसे सरकार की बड़ी रणनीति मानी जा रही है। सरकार का वर्तमान बजट 87 हजार करोड़ पार कर गया है। वहीं मुख्य बजट अब एक लाख करोड़ का आकंड़ा पार कर सकता है। बजट में लोक लुभावन घोषणाओं के साथ कई नई योजनाएं लांच हो सकती है। इसके अलावा हालांकि बजट में जीएसटी का भी असर नजर आएगा। इसके बावजूद उद्योग एवं व्यापार जगत को राहत देने की भी पूरी तैयारी हो चुकी है।
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