14 फरवरी को पुलवामा जिले में आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले के बाद पूरा देश आक्रोश में था और पूरे देश की मांग थी कि वह पाकिस्तान से बदला लिया जाए। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी की सुबह पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठनों पर हमला किया है जिसमें 200 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं। पुलवामा हमले के बाद भारत से पाकिस्तान में सब्जी नहीं जा रही थी। लोगों का मानना है कि उन्हें नुकसान हो जाए लेकिन अब पाकिस्तान के साथ कोई रिश्ता और कारोबार नहीं होगा।
खबरों के बीच छत्तीसगढ़ के थोक सब्जी कारोबारियों की तरफ से खबर आई थी कि अब वह पाकिस्तान में टमाटर, शिमला मिर्च, पपीता और खरबूजा इसे नहीं भेजा जाएगा। दरअसल छत्तीसगढ़ से रोज 300 से 400 टन सब्जी और फल दिल्ली से पाकिस्ता भेजे जाते थे। पाकिस्तान में सब्जी और फल रोज भेजने से प्रदेश के कारोबारियों और किसानों की रोज 20 लाख की आय होती थी।
पुलवामा हमले के बाद रायपुर के श्रीराम थोक सब्जी बाजार डूमतराई के सारे कारोबारियों ने बैठक की थी और उस बैठक में निर्णय लिया गया था कि पुलवामा हमले में शहीद हुए सारे जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए हम पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौता तोड़ रहे हैं। भले ही इसके बाद हमें नुकसान क्यों ना हो जाए लेकिन अब हम उनके साथ कोई कारोबार नहीं करेंगे। रायपुर के उस सब्जी बाजार के सारे ही कारोबारियों ने इस प्रस्ताव पर अपना समर्थन दिया था।
फेंकना पड़ जाए भले ही सब्जी
सब्जी मंदी के सारे कारोबारियों ने कहा कि भले ही हमें टमाटर फेंकना पड़ जाए या हम गरीबों को यह सब्जी फ्री में दे दें लेकिन हम पाकिस्तान के साथ कारोबार नहीं करेंगे। यहां से अब पाकिस्तान को टमाटर, शिमला मिर्च, पपीता यह सब नहीं जाएंगे। बता दें कि टमाटर, शिमला मिर्च, पपीता यह सारी सब्जियां पाकिस्तान ना भेजने से स्थानीय बाजार में इनकी कीमत गिरने की संभावना हो गई है।
इसका असर पड़ेगा पाकिस्तान पर
इन सभी सब्जियों की सप्लाई पाकिस्तान में बंद करन के बाद वहां के करीब 5000 मजदूरों बेरोजगार हो सकते हैं। इन सभी सब्जियों कारोबारियों ने बताया कि अगर छत्तीसगढ़ के साथ बाकी राज्यों से सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी गई तो वहां के मजदूर सड़क पर आ जाएंगे। बता दें कि पाकिस्तान में टमाटर 70 से 80 रूपए में बिकता है।
पाकिस्तान में जितने भी टमाटर के कैरेट भेजे जाते हैं वह सभी वापस नहीं आते हैं। टमाटर के साथ बाकी सब्जियों को उतारने और चढ़ाने के लिए वाघा बार्डर पर 5000 मजूदर तैनात रहते थे। लेकिन इस फैसले के बाद अब उन मजूदरों के ऊपर बेरोजगारी की तलवार लटक सकती है।
पहले से ही बंद है चावल की सप्लाई
टमाटर और बाकी सब्जियों से पहले प्रदेश ने चावल की भी सप्लाई पाकिस्तान के लिए बंद की हुई है। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स के एसो. के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान को हम पिछले 4-5 साल से चावल की सप्लाई नहीं कर रहे हैं।
खजूर की आयात 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी की वजह से नहीं
पाकिस्तान से आयात होने वाली सारी वस्तुओं पर केंद्र सरकार ने 200 फीसदी आयात लगा दी है जिसके बाद से दिल्ली के रास्ते आने वाला खजूर की सप्लाई में बहुत प्रभाव पड़ा है। स्थानीय कारोबारियों ने कहा है कि अब बाकी देशों से खजूर मंगवाया जाएगा।
अब और नहीं…..
कारोबारियों ने कहा है कि भले ही हमें नुकसान हो जाए लेकिन अब सब्जियों की खेप पाकिस्तान नहीं जाएगी। बता दें कि हर रोज प्रदेश से 15 से 20 ट्रक दिल्ली के रास्ते पाकिस्तान में भेजा जाता था। लेकिन अब से हम निर्यात पर पूरी तरह से बैन लगा रहे हैं। यह बात रायपुर के टी.श्रीनिवास रेड्डी जो श्रीराम थोक सब्जी बाजार के अध्यक्ष हैं उन्होंने यह फैसला सबके साथ मिलकर लिया है।
फैक्ट फाइल
छत्तीसगढ़ से निर्यात- टमाटर, शिमला मिर्च, पपीता, खरबूजा आदि।
रोजाना 15-20 ट्रक- लगभग 300 से 400 टन
कारोबारियों को नुकसान-लगभग 20 लाख रुपए प्रतिदिन
यहां से होता था निर्यात- दिल्ली से रास्ते वाघा बार्डर