उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश के प्रमुख शहरों में, विशेषकर सर्दियों के दौरान बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर शनिवार को चिंता व्यक्त की और लोगों से यथासंभव कार्बन उत्सर्जन कम करने का आह्वान किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित करने पर जोर दिया और निजी क्षेत्र से आह्वान किया कि वे सरकार के प्रयासों में सहयोग करते हुए अपने शहरी अस्पतालों के दूरस्थ केंद्र ग्रामीण इलाकों में खोले।
लोगों के नजरिये पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत
उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक उपराष्ट्रपति निवास से ‘इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी’ के कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और वाहनों से होने वाले प्रदूषण का वायु गुणवत्ता खराब होने के कारकों में अहम योगदान है।
उन्होंने कहा कि स्थायी विकास को लेकर लोगों के नजरिये पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे जीवनशैली का मूल्यांकन करें और यथासंभव कार्बन उत्सर्जन कम करने की कोशिश करें। देश में फेफड़ों की बीमारियों सहित गैर संचारी रोगों के बढ़ते खतरों को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने युवाओं को सलाह दी कि वे स्वस्थ और अनुशासित जीवनशैली अपनाएं।