कोरोना महामारी के चलते देश पूरी तरह से बदल गया है। महामारी के कारण आम जनता से लेकर गरीब मजदूरों तक सभी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का जीवन जीने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। इस बीच, देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अब हर किसी का जीवन पहले जैसे नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने लोगों को आत्म चिंतन करने, अपने स्वजनों, मित्रों से संपर्क करने और जीवन में एक ‘नई सामान्यता’ या न्यू नॉर्मल को स्वीकार करने का अवसर दिया है।
उपराष्ट्रपति ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या में रुकावट डालने के अलावा, इस बंदी ने हमें आत्म चिंतन करने, अपने स्वजनों, मित्रों से संपर्क करने और जीवन में एक ‘नई सामान्यता’ या न्यू नॉर्मल को स्वीकार करने का अवसर दिया है। एक बात तो तय है कि इस महामारी के कारण हुए बदलावों की वजह से निजी और सामाजिक स्तर पर जीवन अब पहले जैसा तो नहीं रहेगा।’’
उपराष्ट्रपति ने लॉकडाउन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई प्रमुख लोगों से बात की। नायडू ने कहा, ‘‘मैं भी इस अवधि में लॉकडाउन द्वारा प्रदान किए गये अवसर का भरसक लाभ उठाने का प्रयास किया है। अपने मित्रों, लंबे समय से मेरे सहयोगियों, नए और पुराने परिचितों, सगे संबंधियों, माननीय सांसदों, आध्यात्मिक गुरुओं तथा पत्रकार बंधुओं को अनगिनत फोन कर उनसे संपर्क किया, उनका कुशल क्षेम जाना और विचार विमर्श किया।’’
उनके मुताबिक लॉकडाउन के दौरान उन्होंने वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, मनमोहन सिंह, एचडी देवेगौड़ा, ए के एंटनी, शांता कुमार, राम नाईक, मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, केशुभाई पटेल, डॉ एम एस स्वामीनाथन, मेट्रोमैन ई श्रीधरन जी तथा कुछ अन्य लोगों से बातचीत की।