देश के उप राष्ट्रपति और राजयसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से बजट सत्र में बेहतर उत्पादकता में सहयोग करने की अपील करते हुए बुधवार को कहा कि वर्ष 195।-52 के आम चुनाव की तुलना में वर्ष 2019 के चुनाव में लोकतंत्र के प्रति मतदाताओं की आस्था बड़ी है, हालांकि इस दौरान निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली में गिरावट आयी है। नायडू ने बजट सत्र के पहले चरण में आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अपने संबोधन में सभी दलों और सदस्यों से बजट सत्र में बेहतर उत्पादकता देने में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि पिछले बजट सत्र में सदन की उत्पादकता 94 प्रतिशत रही थी। उन्होंने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आजादी के बाद चुनाव का 70वां वर्ष चल रहा है।
पिछले बजट सत्र में हमारी उत्पादकता 93.50 प्रतिशत रही थी : नायडू
नायडू ने बजट सत्र के महत्व को रेखांकित करते कहा कि पिछले बजट सत्र में हमारी उत्पादकता 93.50 प्रतिशत रही थी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हुए पहले आम चुनाव में 45 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था जो 2019 के चुनाव में 50 प्रतिशत बढ़कर 67 प्रतिशत पर पहुंच गया। है। उन्होंने देश के पांच हजार सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों से मतदाताओं की तरह ही लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसे काम किए जाने चाहिए जिससे आम लोगों का विश्वास संसदीय लोकतंत्र के प्रति और मजबूत हो।
आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान जारी हुआ है बजट : उप राष्ट्रपति
उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह बजट सत्र ऐसे समय में हो रहा है, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि लोगों ने जिस तरह स्वराज को लड़कर और जीत कर हासिल किया था, वह जज्बा हमें सदन की कार्यवाही के दौरान भी दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में सदन का 52.10 प्रतिशत समय और मानसून सत्र में 70 प्रतिशत से अधिक समय बर्बाद हुआ था। उन्होंने कहा कि इस तरह का रूख बहुत ही निराशाजनक है।