देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को लेकर मोदी सरकार के अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को अपनी मुहर लगा दी। इसके साथ ही यह अध्यादेश आज से देश भर में कानून का रूप ले लेगा। महामारी रोग अध्यादेश, 2020 को मंजूरी के साथ ही अब देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला गैर जमानती अपराध हो गया है। इस मामले में अब नियत 30 दिन में जांच पूरी होगी और दोषियों को एक साल में सजा भी मिल जाएगी।
इस बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने स्वास्थ्य कर्मियों को हिंसा और प्रताड़ना से बचाने के लिये अध्यादेश लाने के सरकार के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत करते हुये कहा है कि यह साहसिक निर्णय स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करेगा।
यह महत्वपूर्ण निर्णय सामयिक है और हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना जन सेवा कर रहे प्रथम पंक्ति के हमारे योद्धाओं की सुरक्षा, समर्थन और सम्मान हमारा उत्तरदायित्व है। #COVID19
— Vice President of India (@VPSecretariat) April 23, 2020
नायडू ने ट्वीट कर कहा, ‘‘स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाने हेतु अध्यादेश लाने का सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोविड 19 संक्रमण के विरुद्ध अभियान में सेवा भाव से जुड़े इन योद्धाओं के विरुद्ध हिंसात्मक हमले हुए है।’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर संकट पैदा करने वाले हिंसात्मक कार्यों को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध की श्रेणी में लाने के लिये अध्यादेश जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
नायडू ने इस फैसले को समय की मांग बताते हुये कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण निर्णय सामयिक है और हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना जन सेवा कर रहे प्रथम पंक्ति के हमारे योद्धाओं की सुरक्षा, समर्थन और सम्मान हमारा उत्तरदायित्व है।’’