उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को लोगों से अपने प्रतिनिधियों को चुनते समय उनके चरित्र, व्यवहार, बुद्धि और क्षमता को ध्यान में रखने पर जोर दिया है। उप राष्ट्रपति नायडू ने पूर्व मुख्य सचिव एस के जोशी की लिखित पुस्तक ‘सुपरिपलाना’ के विमोचन के बाद कहा,‘‘दुर्भाज्ञ से चरित्र, व्यवहार, योज्ञता और क्षमता का स्थान जाति, समुदाय, धन और अपराध ने ले लिया है। सुशासन के लिए हालाँकि चरित्र, व्यवहार, योज्ञता और क्षमता जरूरी है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार केन्द्रित मतदाताओं से ही नागरिक केन्द्रित सरकार आयेंगी।
उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुशासन आवश्यक है। सुशासन विभिन्न योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने से लाया जा सकता है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुशासन समान रूप से आवश्यक है। सुशासन से प्रसन्नता आती है। उन्होंने सरकारों को जनता की सेवा जिम्मेदारी और ईमानदारी से करने की सलाह दी।