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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 22 अलग-अलग भाषाओं में विभिन्न स्कूलों के छात्रों के साथ किया वार्तालाप

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने एक साथ 22 भाषाओं में बात की। नायडू ने 22 अलग-अलग भाषाओं में यह अनूठा वार्तालाप विभिन्न स्कूलों के छात्रों के साथ किया।

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने एक साथ 22 भाषाओं में बात की। नायडू ने 22 अलग-अलग भाषाओं में यह अनूठा वार्तालाप विभिन्न स्कूलों के छात्रों के साथ किया। 
22 अलग-अलग भाषाओं में वातार्लाप करने का मकसद भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के महत्व को उजागर करना था। 
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपतिनायडू मुख्य अतिथि थे। 
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ इस अवसर पर सम्मानित अतिथि थे। संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। 
मंत्रालय 21 फरवरी को देशभर में बड़े स्तर पर मातृभाषा दिवस मनाने रहा है। इसी के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। 
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति नायडू भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के महत्व को उजागर करते हुए 22 भाषाओं में बात की। इस अवसर पर उन्होंने नागरिकों से मातृभाषा को प्रोत्साहित करने की शपथ लेने और अन्य भाषाओं को भी सीखने का आग्रह किया। 
उपराष्ट्रपति ने भारतीय भाषाओं को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन का आह्वान किया और कहा कि ‘जब हम मातृभाषा का संरक्षण और संवर्धन करते हैं तो हम अपने भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का भी संरक्षण और संवर्धन करते हैं।’ 
भाषा को रोजगार से जोड़ने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकारी नौकरियों में एक निश्चित स्तर तक भर्ती के लिए भारतीय भाषाओं का ज्ञान अनिवार्य किया जाना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के लिए मातृभाषा को उत्प्रेरक बनना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने प्रशासन में स्थानीय भाषा का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। नायडू ने यह भी कहा कि उच्च विद्यालय स्तर तक की पढ़ाई का माध्यम अनिवार्य रूप से स्थानीय भाषा को बनाया जाना चाहिए।

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