कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन घोषित किया गया है। ऐसे में आम हो या खास, किसी को बेवजह घर से बाहर निकलने की मनाही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है और इसके जरिये दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने लॉकडाउन तोडा है और उन्हें पुलिस द्वारा रोका गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ विडियो
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस ने एक गाड़ी को रोका रुका हुआ है, जिसमे प्रियंका गांधी और राहुल गांधी बैठे हुए नजर आ रहे है। पुलिसकर्मी उनसे सवाल करते दिखाई दे रहे है कि धारा 144 लागू होने की वजह से आप लोग ग्रुप में नहीं जा सकते। वहीं राहुल गांधी जवाब देते हुए कहते है , ‘हम ग्रुप में नहीं जा रहे है सिर्फ़ हम तीन ही जायेंगे।’
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है कि पूरा देश लॉकडाउन है पर ये राजनेता नियम कानून का पालन नहीं कर रहे है। कुछ यूजर्स ने वीडियो के साथ तंज कसते हुए लिखा, ‘ देश के नागरिक घरों में बैठे है और इन्होने बाहर निकल कर लॉकडाउन तोडा , क्योंकि इन्हें अपने दोस्तों से मिलना हैं।’
यूजर्स ने किये दावे
निधि शर्मा नाम की ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा , ‘ब्रेकिंग: ये राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा है जो कि लॉकडाउन नियमों को तोड़ रहे है। उनका कहना है कि उन्हें अपने दोस्तों से मिलना हैं। उनकी मां मीडिया में नरेंद्र मोदी को लेक्चर दे रही है मगर असल ज़िंदगी में वो खुद ऐसा करते हैं. @ANI @TimesNow #COVIDIOTS #COVID2019.) यूजर्स ने बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया पर उससे पहले इसे हजारों व्यूज मिल चुके थे।
विडियो की हकीकत क्या है
जब इस वायरल वीडियो की जांच की गयी तो पाया गया कि ये वीडियो अभी का नहीं है बल्कि 24 दिसम्बर 2019 का है। उस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश के मेरठ जा रहे थे। तब पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू होने की वजह से रोक लिया था।
बता दें, पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी को मेरठ शहर के बाहर से ही वापस दिल्ली लौटना पड़ा था। जांच में पाया गया कि लगभग सभी मीडिया चैनल्स ने उस दौरान इस वीडियो को शेयर किया था। इससे साबित होता है कि इस 3 महीने पुरानी घटना का वीडियो 24 मार्च को जारी किये गए लॉकडाउन तोड़ने के झूठे दावे से शेयर किया गया।
सरकार इन दिनों अफवाहों पर रोक लगाने के कदम उठा रही है लेकिन फिर भी फर्जी और झूठी ख़बरें आये दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। हमारा आपसे अनुरोध है कि किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जांच लें और झूठी खबरों का प्रचार करने से बचें।