लुधियाना : पंजाब के लुधियाना स्थित बहुकरोड़ी सिटी सेंटर घोटाले में विजिलेंस ब्यूरों द्वारा मौजूदा सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह को क्लीन चिट दी गई है। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरों द्वारा द्वारा आज दोपहर मानयोग और जिला सेंशन जज सरदार गुरबीर सिंह की अदालत में एफ.आई.आर रदद करने के लिए दरखास्त दी है और इस मामले की अगली सुनवाई 2 सितम्बर को होंगी। अगर विजिलेंस ब्यूरों द्वारा दी गई दरखास्त अदालत द्वारा मंजूर की जाती है तो यह मामला स्वयं ही रदद हो जाएंगा और बाकी सभी आरोपियों को भी राहत मिलेंगी।
जिला एवं सैशन जज गुरबीर सिंह अदालत में विजिलैंस ब्यूरो ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित तथाकथित घौटाले की एफआईआर में नामजद किए गए कुल 32 आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए संबंधित एफआईआर को कैंसल करने की अर्जी दाखिल की है। जिसकी आज सुनवाई करते हुए माननीय न्यायधीश ने मामले की सुनवाई 2 सितंबर के लिए नियत कर दी। विजिलैंस के इस कदम को पंजाब के मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के लिए बडी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार बदलने के बाद 23 मार्च, 2007 को अकाली-भाजपा सरकार के गठन के साथ ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित तात्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री चौधरी जगजीत सिंह, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन परमजीत सिंह सीबिया सहित ट्रस्ट व संबंधित निर्माण कंपनी टूडे होम के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके बाद पंजाब की राजनीति गर्मा गई थी।
विजिलेंस के अनुसार मामले की पुन: जांच करने पर कोई भी दुर्रभावना नजर नहीं आई है और पेश किए गए चालान में लगाए गए सभी आरोप काल्पिनक है। उनके अनुसार वष 1999 में सिटी सैंटर प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया था व इंप्रवूमेंट ट्रस्ट लुधियाना के चेयरमैन परमजीत सिंह सीबिया इस प्रोजेक्ट पर काम करने का पूरा अनुभव नहीं था और इसलिए कुछ अनियमितताएं उत्पन्न हो गई थी। जिसे दूर करने के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा हर संभव प्रयास किए गए थे। विजिलैंस पुलिस के अनुसार तात्कालीन मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने समय-समय पर जब भी किसी अनियमितताओं की शिकायतें मिली तो उन्होंने कानून मुताबिक उचित कार्रवाई करने के आदेश दिये। यहां तक कि सिटी सैंटर मामला सामने आने पर उन्होंने ने ही इसकी जांच करने के आदेश दिये थे व अनियमितताओं को दूर करने की हर संभव कोशिश की थी।
अदालत में विजिलेंस ने दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस केस की पुन: जांच मे किसी भी तरह से किसी भी आरोपी पर भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है तथा सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मामले में आरोप लगने के बाद खुद ही इसकी जांच के आदेश दिये थे। विजिलैंस ब्यूरो ने अदालत में पेश की गई अर्जी में एफआईआर के कंसलेशन के बाद अब केस को बंद करने का आग्रह किया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 2 सितंबर को होगी। मालूम हो कि मामले की शुरूआत इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तात्कालीन चेयरमैन अशोक गरचा द्वारा सीएम के नजदीकी कैप्टन राजेश सिंह पर उनको सिटी सैंटर के निर्माण संबंधी टेलीफोन पर सौ करोड रूपये की घूस के ऑफर देने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद मामला जोर-शोर पर मीडिया उछलने के बाद तात्कालीन मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ही इसकी जांच करने के निर्देश दिये थे।
वहीं, कैप्टन अमरेंद्र सिंह जो उस समय विदेश में थे, को माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर की थी। बाद में लुधियाना की अदालत में उपरोक्त मामले को लेकर चार्जशीट भी फाइल की गई थी व आरोपियों पर आरोप तय किए जाने को लेकर वकीलों की बहस चल रही थी और इसी दौरान विजिलैंस पुलिस के पास आरएल ग्रुप आफ कंपनिज नई दिल्ली के मालिक व मामले के आरोपी चेतन गुप्ता ने केस की पुन: जांच करवाने के लिए एक अर्जी दी थी व इस अर्जी पर विजिलैंस पुलिस ने मामले की पूरी जांच करने के बाद अपनी दी गई क्लोजर रिपोर्ट में मामले में जुडे सभी आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि चेतन गुप्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए। उल्लेखनीय है कि इस केस के दौरान चौधरी जगजीत सिंह सहित अन्य कुछ आरोपियों की मृत्यू भी हो चुकी है।
इस बारे संपर्क करने पर कैप्टन के वकील तिरलोक सिंह सूद ने कहा कि अकाली सरकार ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह व 35 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया गया था तथा इसकी जांच करने पर पाया कि यह भ्रष्टाचार का जुर्म उन पर थोपा गया। चालान कोर्ट में पेश हो गया लेकिन आज तक कोई चार्ज नहीं लगा। लगातार बहस हो रही है। 36 में से चार आरोपियों की मौत हो चुकी है। इसमें लगातार मैं केस में पेश होता रहा हूं तथा चालान पेश करते समय यह लिखा था कि जैसे जैसे सबूत मिलेंगे, चालान पेश करते रहेंगे। इसकी तहत उन्होंने आज 173 (8) के सीआरपीसी जाब्ता फौजदारी के अधीन आज चालान पेश कर दिया। जिसमें उन पर अनाधिकृत रूप से जानकारी है कि विजिलैंस ने यह कहा गया कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के खिलाफ जुर्म साबित नहीं होते है तथा क्लोजर रिपोर्ट फाइल की है। क्योंकि सिसासी तौर पर इसका काफी लाभ मिलेगा। क्योंकि विजिलैंस ने ही अपने भ्रष्टाचार के लगाए गए दोषों की सबूतों के बाद क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी है। अब इसकी कापी हर पक्ष को 2 तारीख को मिलेगी। अनाधिकृत रूप से यही सूचना है कि सिटी सैंटर में विजिलैंस ने अमरेंद्र सिंह सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है।
मालूम हो कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के वर्ष 2002-07 के मुखयमंत्रीत्व कार्यकाल के दौरान लुधियाना में निर्माणाधीन सिटी सैंटर को लेकर 1144 करोड रूपये के कथित घौटाले के आरोप लगे थे। जिसके संबंधी विजिलैंस ने मार्च, 2007 में कैप्टन अमरेंद्र सिंह, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट लुधियाना तात्कालीन चेयरमैन परमजीत सिंह सीबिया, चौ. जगजीत सिंह, संबंधित निर्माण कंपनी टूडे होम के अधिकारियों सहित 19 व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज करके उन्हें नामजद किया था। जिसके बाद लगातार कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर भी इस मामले में आरोप लगते रहे थे तथा अमरेंद्र सिंह पर विपक्ष के वार तेज हुए थे। इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में अमरेंद्र को सत्ता तक गवानी पडी थी। अब अमरेंद्र सिंह दोबारा सीएम है। ऐसे में उनके लिए यह खबर काफी राहत वाली साबित होगी लेकिन आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति में काफी हलचल होने की संभावना से इंंकार नहीं किया जा सकता है।
इस केस में विजिलैंस ब्यूरो द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने विजिलैंस ब्यूरो द्वारा इस केस की क्लोजर फाइल की है। हम पहले ही यह बात कई बार विधानसभा में भी कह चुके है कि हमें बदले की कार्रवाई के कारण बोलने नहीं दिया। बादल व कैप्टन में संधी हो चुकी थी जिसका सबूत है कि तात्कालीन ईओ भगवान दास को दोबारा ईओ लगाया गया। इसलिए विजिलैंस ने इस केस को कमजोर किया।
इसका पंजाब को यह नुकसान होगा कि सुप्रीम कोर्ट में संबंधित कंपनी टूडे होम हर्जाने के लिए गई हुई है, अब यह पंजाब के खजाने से जाएगी। जोकि पंजाब की जनता का पैसा है। यह केवल राजनीतिक ड्रामा था जोकि आज सामने आ रहा है। कैप्टन कभी बादलों के खिलाफ नहीं बोलते तथा बादलों ने अपने शासनकाल में कैप्टन से दोस्ती निभााई। हम इस ठगी को पंजाब विधानसभा में उठाएंगे क्योंकि क्लोजर रिपोर्ट से कैप्टन अमरेंद्र सिंह तो सेंक से बच जाएंगे लेकिन टूडे होम को हर्जाने के तौर पर नौ सौ करोड देने की कार्रवाई का हम डटकर विरोध करके पंजाब के लोगों के हकों की पहरेदारी करेंगे।
- सुनीलराय कामरेड