देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
भारत आज एक ऐसी मजबूत स्थिति में खड़ा है कि कोई भी दुश्मन देश हमें आंख दिखाने से पहले दस बार सोचेगा। एक समय था जब आजादी के बाद भारत को लोग कमजोर देश समझते थे, लेकिन उसके बाद देश लगातार मजबूत होता गया और जब भी दुश्मन ने हमारी तरफ नजरें उठाई हैं, तो हमने उसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया है।
आपको बता दें फिर चाहे वो चीनी सैनिकों का अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण करना हो या फिर पाकिस्तान का सीजफायर का उल्लंघन करना हो आदि। इसी कड़ी में आज का दिन (16 दिसंबर) पूरे देश के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस दिन विजय दिवस मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं ये क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे क्या वजह है? शायद नहीं, तो चलिए जानते हैं।
दरअसल, हर साल 16 दिसंबर के दिन भारत बड़ी ही शान से विजय दिवस मनाता है। साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। जहां पाकिस्तान को भारत ने करारा जवाब देते हुए मात दी थी और इस युद्ध को जीत लिया था।
इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार से ज्यादा सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ, जिसे आप आज बांग्लादेश के नाम से जानते हैं।वहीं, बात अगर 16 दिसंबर की करें, तो ये दिन इसलिए खास हो जाता है कि आज ही के दिन यानी 16 दिसंबर की शाम ही जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर किए थे।
वहीं, जब नियाजी ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, तब उन्होंने अपनी रिवाल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दी। नियाजी की आंखों में आंसू थे। पाकिस्तान के लिए ये दिन अच्छा नहीं रहा, लेकिन भारतीय सैनिकों ने बता दिया कि वो दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार खड़े हैं।