नागरिकता संशोधन कानून तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में आयोजित बंद का गुजरात में मिला जुला असर रहा हालांकि इस दौरान राज्य की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले सबसे बड़े शहर अहमदाबाद के अल्पसंख्यक बहुल मिरजापुर और शाहआलम इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए।
शाहआलम में भीड़ के पथराव में एक सहायक पुलिस आयुक्त तथा महिला पुलिसकर्मी समेत कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे और लाठी चार्ज भी किया। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस के वाहनों पर भी पथराव किया गया है। एक सिटी बस को भी निशाना बनाया गया।
इस इलाके में सिटी बसों को शाम को बंद कर दिया गया है तथा एहतियात के तौर पर बड़ संख्या में पुलिस तैनात की गयी है। शाम को स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। पुलिस उपायुक्त नियंत्रण विजय पटेल ने बताया कि शाहआलम इलाके में बिना मंजूरी के एक रैली निकालने पर इसे रोक रही पुलिस पर पथराव किया गया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। राज्य रिजर्व पुलिस की दो कंपनियों और स्थानीय पुलिस को तैनात कर स्थिति को नियंत्रण में लिया गया है।
पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने कहा कि स्थिति पर सतर्क नजर रखी जा रही है।
उधर, राज्य के अन्य स्थानों पर बंद का अधिक असर नहीं देखा गया। वडोदरा, भरूच आदि में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भी बंद का कुछ असर देखा गया। सौराष्ट्र क्षेत्र के अधिकतर स्थानों राजकोट, भावनगर, जामनगर तथा दक्षिण गुजरात के सूरत में बंद का अधिक असर नहीं रहा।