लुधियाना-बरनाला : देश के अंदर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न किस्म के अपराधों में सोशल मीडिया क्राइम भी तेज़ी से बढ़ रहा है। जिसके चलते बरनाला जिला के एक परिवार की ओर से अपने बच्चे की मासूमियत का हवाला देते हुए-आंतडियां खराब होने और उसकी जि़ंदगी बर्बाद होने का मेसेज वाट़स-एप पर वायरल किया गया जो सौ फीसदी झूठा साबित हुआ है। इसका खुलासा कस्बा हंडियाया के मूल निवासी एक एनआरआई ने किया है, जो कुछ दिन पहले कनाडा से भारत आए हुए हैं। जिन्होंने विदेशों में रहते एन.आर.आई. भाइयों से अपील की है कि फेसबुक, वट्स-एप या किसी और जरिए कोई भी मेसेज/सूचना पढऩे या सुनने को मिले तो जांच -पड़ताल एवं घटना की पुष्टि किये बिना किसी को सहायता राशि नहीं भेजी जाये।
बरनाला जिले के अधीन पड़ते गाँव बडबर के एक परिवार के एक सदस्य द्वारा अपने 6 वर्षिय बच्चे को पेट की आंतडियों की भयानक बीमारी होने का हवाला दे कर इलाज करवाने के लिए अलग-अलग संस्थायों एवं विदेशों में बैठे एन.आर.आई. भाइयों से भी मदद माँगी थी। वायरल किए मैसेज द्वारा बताया था कि गाँव बडबर निवासी हाकम सिंह अपने छोटे पुत्र हरनूर सिंह का इलाज बहुत ही महँगा है जिसे कराने में असमर्थ है। मैसेज को वाट्स-एप /सोशल मीडिया पर अपलोड करवाया गया था। जिसे पढ़कर भारत एवं विदेश से काफी राशि एकत्रित हुई थी।
पीडि़त परिवार को यथायोग्य सहयोग देने को लेकर नकद राशी एवं अन्य सामग्री ले कर कस्बा हंडियाया का मूलवासी एन.आर.आई. सत्तपाल शर्मा जैसे ही गाँव बडबर पहुंचा और उसने बस स्टैंड के पास खड़े एक रेहड़ी वाले को स्वाभाविक तौर पर पूछताछ की। जैसे ही रेहड़ी वाले ने कहा कि सामने गली में उसकी कोठी है तो उसका जवाब सुनते ही एन.आर.आई. के पांव तले से मिट्टी खिसक गई, जब घर में दाखि़ल होने लगा तो उसकी नजऱ पहले ऊँची नई तैयार हो रही बिलडिंग पर पड़ी। घर अंदर एक कमरा नजऱ आया जो हाल ही में निर्माण किया गया था। जिसे देखते ही पूरी तरह से वह हैरान गया, परन्तु शांतचित होकर उसने परिवार के सदस्यों और बच्चे के साथ बातचीत की। बीमार बच्चे की मैडिकल एवं टैस्ट रिपोर्टें देखने पर पता लगा कि हरनूर सिंह नाम के इस बच्चे को 3-4 साल पहले मामूली बीमारी हुई थी। एन.आर.आई. ने घर की नए निर्माण और कुछ ओर बातें पूछीं गई, जो सोशल मीडिया पर वायरल मेसेज से भिन्न थीं।
गौर हो कि करीब चार साल पहले हरनूर के परिवार वालों द्वारा इलाज के नाम पर एकत्रित की गई राषि से कोठी का निर्माण शुरू किया था, एक महंगा मोटरसाईकिल भी खरीद किया था। हाकम सिंह के परिवार की ओर से उसी मैसेज को बार बार वायरल करने का क्रम जारी रहा। जिसके चलते समय समय पर समाजसेवी संस्थाएं परिवार को सहायता राशी भेजती रहीं। आलम यह है कि परिवार के पास आलीशान कोठी बन कर लगभग तैयार हो चुकी है, घर के प्रांगण में बहु कीमती कपड़े धोने वाली नई मशीन, नया कूलर और काफी अन्य कीमती सामान मौजूद है। अपने बेटे के इलाज का वास्ता देकर एकत्रित हो रही धन राशि से परिवार ऐश-प्रस्ती कर रहा है। गांववासी सभी कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। हरनूर के पिता हाकम सिंह का कहना है कि उनके परिवार की कुछ लोग बदनामी कर रहे हैं जिन्हे हमारी खुशियां बर्दाश्त नहीं हो रही। जिन पैसों से मकान का निर्माण किया गया है और जो सामान नजर आ रहा है वो पैसे हमारे रिश्तेदारों ने भेजे हैं। हमारे नाम पर जिन लोगों ने हमारे परिवार के साथ फोटो खिचवा पैसे ऐंठे हैं, की शिकायत पुलिस निदेशक पंजाब से की जाएगी।
एन.आर.आई. सत्तपाल शर्मा का कहना है कि गाँव बडबर के हाकम सिंह के परिवार जैसे लोगों की वजह से असली जरूरतमंद परिवार मदद राशि का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने देश-विदेशों में रह रहे एन.आर.आई. भाइयों से अपील की है कि यदि उन्होंने किसी भी जरूरतमंद (पीडि़त) व्यक्ति की सहायता करनी है, तो उस गाँव के सरपंच, मोहतवरों, नंबरदार, चौकीदार और समाज सेवीं क्लबों से अच्छी तरह पड़ताल करने के बाद ही संपर्क करें। जिससे किसी के इलाज के लिए आपकी ओर से दी जाती माली सहायता ऐशो -आराम के लिए इस्तेमाल ना कर सके। शर्मा ने जि़ला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से उक्त परिवार के खि़लाफ़ कार्यवाही करने की भी माँग की है।
– सुनीलराय कामरेड