राम मंदिर के निर्माण की तारीख का ऐलान होते ही सियासत तेज हो गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के राम मंदिर को लेकर दिए गए बयान पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। इससे पहले बीजेपी नेता उमा भारती ने पवार की टिप्पणी को भगवान राम विरोधी करार दिया।
शरद पवार ने रविवार को कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर बनाने से कोरोना वायरस महामारी का उन्मूलन करने में मदद मिलेगी। जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए अगले महीने की दो तारीखों का सुझाव दिया था, जिसके बाद पवार की यह टिप्पणी आई थी।
उनके इस बयान का कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने समर्थन किया था और उन्हें संबोधित करते हुए ट्वीट किया था, ‘‘काश मोदी़ शाह आपके कहने पर चलते तो देश के यह हालात नहीं होते।’’ ट्रस्ट ने तीन या पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया है।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि इस संबंध में शरद पवार और दिग्विजय सिंह की ओर से दिया गया बयान उनकी ‘‘समझ से परे’’ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश की सरकार और अन्य राज्य सरकारें कोरोना महामारी का मजबूती से मुकाबला कर ही हैं।
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आलोक कुमार ने कहा कि कोरोना हालांकि अभी कुछ समय तक रहने वाला है लेकिन देश और जीवन अनिश्चित समय के लिए नहीं थम सकता। सावधानियों के साथ जिंदगी पटरी पर लाने के प्रयास हो रहे हैं। अर्थव्यवस्था, उद्योग और सेवाओं को पटरी पर लाना जरूरी है और इस दिशा में प्रयास भी हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार हर सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां भी चलती रहनी चाहिए। रामजन्मभूमि मंदिर का मुद्दा ठंडे बस्ते में नहीं रह सकता। केवल यही उचित होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाएं, वहां भूमि पूजन करें और मंदिर निर्माण का कार्य आगे बढ़े।’’ आलोक कुमार ने कहा कि इस दौरान सभी प्रकार की सावधानियां बरती जाएंगी और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।