नफरती भाषण मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को देश की शीर्ष अदालत, उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को बड़ी राहत मिली। बता दे कि वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म को अपना लिया था। जिसके बाद उन्हें उत्तराखंड के हरिद्वार में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। याद दिला दे कि वह उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
वसीम रिजवी ने धर्म संसद में किया था यह काम
हरिद्वार में 17 से 20 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इसमें जितेंद्र नारायण, गाजियाबाद डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद, साध्वी अन्नपूर्ण व महेंद्र दास के साथ कई संत शामिल हुए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसमें विशेष समुदाय के खिलाफ हथियार उठाने की बात की जा रही थी। बाद में जितेंद्र नारायण और यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया गया।
इस शर्त पर मिली जमानत
जानकारी के लिए बता दे कि वसीम रिजवी को 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद वह हरिद्वार की जेल में बंद थे। रिजवी के वकील ने ह्रदय रोग के इलाज के लिए जमानत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे। त्यागी की तरफ से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वह 6 महीने से जेल में बंद हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं।
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इस मसले पर सर्वोच्च अदालत जता चुकी है चिंता
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही शीर्ष अदालत ने धर्म संसद जैसे आयोजनों पर चिंता जताते हुए कहा था कि ऐसे कार्यक्रम सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि लोगों को जागरूक और संवेदनशील बनना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी की जमानत याचिका को लेकर राज्य सरकार को नोटिस दिया था।