लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

जल, जंगल और जमीन झारखंड की अमानत

आसानी से चलाये जा सकने वाले लघु वन पदार्थों के प्रसंस्करण के लिए छोटे-छोटे उद्योग स्थापित करने में ग्राम वन समितियों को सहायता दी जा रही है।

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जल, जंगल और जमीन को राज्य की अमानत बताया और कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता इन अमानतों को संरक्षित रखने की है। श्री दास ने आज यहां वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा नामकुम स्थित स्वर्णरेखा नदी तट पर आयोजित नदी महोत्सव का शुभारंभ करने के बाद कहा कि राज्य में जल, जंगल और जमीन का नारा काफी दिया गया। इसके नाम पर राजनीति भी जमकर हुई।

लेकिन वर्तमान सरकार के लिए यह नारा नहीं है। जल, जंगल और जमीन हमारी अमानत है जो हमें विरासत में मिले हैं। इन्हें संरक्षित करने के साथ और बढ़कर आने वाली पीढ़ को हरा भरा और स्वच्छ झारखंड सौंपना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से हर वर्ष राज्य में वृहद पौधरोपण कार्यक्रम किया जा रहा है। साथ ही उन्हें संरक्षित भी किया जा रहा है। सरकार इसे जन आंदोलन बना रही है। उन्होंने लोगों से गांव-गांव में वृक्ष लगाने और इस मुहिम से जुड़ कर झारखंड को और हरा भरा बनाने का आह्वान किया।श्री कुमार ने कहा, ‘वनों से काफी लाभ है।

विज्ञान और आध्यात्म दोनों में पेड़ का महत्व है। विज्ञान की दृष्टि से हमें इनसे ऑक्सीजन, धरती को नमी, साफ हवा-पानी मिलता है। आध्यात्मिक रूप से मान्यता है कि हर वृक्ष में किसी न किसी देवता का वास होता है। आर्थिक दृष्टिकोण से भी पेड़ का महत्व है। साल, सागवान, टीक आदि के पेड़ लगाकर हम भविष्य में होने वाला खर्च के लिए राशि सुरक्षित कर सकते हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान राज्य में 2.40 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य से 24 जिलों की 24 नदियों के किनारे आज एक दिन में नौ लाख पौधे लगाये जा रहे हैं।

नदियों के किनारे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने से नदियों का कटाव रूकेगा और जमीन में नमी के कारण वृक्षों को पानी भी मिलता रहेगा। पिछले साल 19.700 हेक्टेयर भूमि पर 2.75 करोड़ पौधे लगाये गये और 4600 हेक्टेयर प्राकृतिक वनों का पुनरूद्धार किया गया। श्री दास ने कहा कि वर्तमान वर्ष में वन विभाग द्वारा 15.300 हेक्टेयर में कुल 2.40 करोड़ पौधे लगाने के साथ 7000 हेक्टेयर प्राकृतिक वनों का पुनरुद्धार किया गया है। साथ ही 1450 हेक्टेयर उजड़ बांस बखारों का भी पुनरुद्धार किया जा रहा है। इससे हाथियों को वनों के भीतर ही पर्याप्त भोजन मिल पायेगा। इससे वे वनों से बाहर आकर लोगों के खेत, खलिहान, घरों को क्षति नहीं पहुंचायेंगे।

लोगों को वृक्षारोपण से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री जन वन योजना के तहत पौधों के लिए अनुदान की राशि 75 प्रतिशत कर दी गयी है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 की तुलना में अभी तक चार गुणा से ज्यादा क्षेत्र यानी किसानों की 3000 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण के लिए आवेदन मिले हैं। अगले वर्ष 2019 में विभाग 16000 हेक्टेयर में कुल 2.50 करोड़ पौधे लगायेगा।

साथ ही प्राकृतिक वनों का पुनरुद्धार भी सात गुणा बढ़कर 35000 हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। इनमें 70 लाख वृक्ष की ऐसी प्रजातियां रहेंगी, जो वनों में प्राकृतिक रूप से पायी जाती हैं और स्थानीय लोगों की निर्भरता है। इसे योजना के 750 से ज्यादा गांवों को सीधे जोड़ जायेगा। साथ ही हाथियों से संवेदनशील 14 वन प्रमंडलों में लगभग 6000 हेक्टेयर उजड़ बांस के जंगलों की सफाई कर इनका पुनरुद्धार किया जायेगा।श्री दास ने कहा, ‘ वनों को बचाने और बढ़ने के लिए जन भागीदारी जरूरी है। इसके लिए वन विभाग द्वारा वनों के समीप स्थित 5000 ग्रामों में सहभागी वन प्रबंधन के तहत माइक्रोप्लान बनाने के लिए ग्राम वन समितियों को सहायता दी जा रही है।ग्रामीण महिलाओं के छोटे समूहों द्वारा आसानी से चलाये जा सकने वाले लघु वन पदार्थों के प्रसंस्करण के लिए छोटे-छोटे उद्योग स्थापित करने में ग्राम वन समितियों को सहायता दी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve − 10 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।