रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के लोक सुराज अभियान के बाद अब प्रशासनिक स्तर पर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सुराज के दौरान जिन जिलों में कामकाज की गति कमजोर और धीमी पाई गई वहां के कलेक्टरों को हटाया जाएगा। इसके अलावा कमिश्नरों को भी बदला जा सकता है।
इधर मंत्रालय में भी आला अफसरों के प्रभार में बदलाव होगा। संबंधित विभागों की समीक्षा के बाद परफार्मेंस कमजोर पाए जाने वाले विभागों के सचिवों के प्रभार वापस लिए जा सकते हैं। इस लिहाज से करीब आधा दर्जन जिलों के कलेक्टरों की छुट्टी हो सकती है। सुराज के दौरान सीएम ने करीब 6 से 8 जिलों में कामकाज की गति को सकारात्मक दिशा में नहीं पाया। यहां योजनाओं का आम लोगों को लक्ष्य के अनुरूप लाभ नहीं मिल पाया है।
ऐसी स्थिति में यहां के कलेक्टरों को हटाया जाना भी तय है। इधर सुराज के दौरान पहले ही सीएम ने राज्य के गरियाबंद जिले के कलेक्टर को तत्काल हटा दिया था। वहां नई कलेक्टर की पदस्थापना भी कर दी गई थी। आगामी चार माह में सरकार को अधूरे काम को पूरा करने की चुनौती है।
ऐसे में नए सिरे से अफसरों को जिम्मेदारी देकर क्रियान्वयन करने की तैयारी है। मंत्रालय में ही व्यापक बदलाव की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मैदानी स्तर पर भी ऐसे अफसरों की सूची तैयार हो रही है। कुछ कमिश्नरों और कलेक्टरों को मंत्रालय वापस बुलाए जाने की तैयारी है। इसके अलावा लंबे समय से एक ही प्रभार में जमें अफसरों के विभाग भी बदले जा सकते हैं।
साथ एक से अधिक प्रभार और कामकाज के बोझ के चलते धीमी गति के चलते भी ऐसे अधिकारियों से कुछ विभागों के प्रभार लेकर बोझ हल्का किया जा सकता है। सुराज के बाद मुख्यमंत्री ने खुद पूरी सूची तैयार कर ली है। वहीं सूची के आधार पर ही फेरबदल को अंतिम रूप दिया जाएगा। मंत्रालय में भी बदलाव सुराज के बाद अब प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी परफार्मेंस कमजोर पाए जाने वाले विभागों के सचिवों के प्रभार वापस लिए जा सकते हैं
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