अपराजिता बिल को बंगाल के राज्यपाल की मंजूरी, राष्ट्रपति के पास भेजा विधेयक

अपराजिता बिल को बंगाल के राज्यपाल की मंजूरी, राष्ट्रपति के पास भेजा विधेयक
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West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित बलात्कार रोधी विधेयक विचार करने के लिए शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया। राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

Highlights:

  • पश्चिम बंगाल के विधानसभा में पास हुआ अपराजिता बिल को मिली राज्यपाल की मंजूरी मिली
  • विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया
  • राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही बन जायेगा कानून

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव मनोज पंत ने दिन में ही बोस को विधेयक की तकनीकी रिपोर्ट सौंपी थी। राज्यपाल ने विधेयक का अध्ययन करने के बाद इसे मुर्मू के पास भेज दिया। अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''राज्यपाल ने 'अपराजिता विधेयक' को विचार के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है। उन्होंने राज्य सरकार से अनिवार्य तकनीकी रिपोर्ट मिलने के बाद इसे (राष्ट्रपति को) भेजा है।''

आवश्यक तकनीकी रिपोर्ट देर से भेजने पर राज्यपाल ने की थी सरकार की आलोचना

बोस ने विधेयक को मंजूरी देने के लिए आवश्यक तकनीकी रिपोर्ट इसके साथ भेजने में नाकाम रहने को लेकर बृहस्पतिवार को ममता बनर्जी प्रशासन की आलोचना की थी। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 3 सितंबर को सर्वसम्मति से 'अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024' पारित किया था। प्रस्तावित कानून में, पीड़िता की मौत होने या उसके 'कोमा' जैसी स्थिति में जाने पर दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।

नये प्रावधानों के जरिये महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है

विधेयक का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नये प्रावधानों के जरिये महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद जारी व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर, यह विधेयक पेश व पारित करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था।

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