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बढ़ते तापमान और चुनावों की गहमा-गहमी के बीच चुनावों के अंतिम दौर के मतदान तक पहुंचने वाले है। आरोपों प्रत्यारोपों के बीच घमासान जारी है, पूर्व भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव प्रचार में व्यस्त है और वह लगातार देश भर में चुनावी रैलियों एवं जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। राजनाथ सिंह का भारतीय राजनीति में अच्छा खासा अनुभव है और उन्हें एक परिपक्व राजनीतिज्ञ माना जाता है। वह अपनी स्पष्टवादिता के लिए मशहूर है। चुनावी मुद्दों को लेकर और चुनावी परिदृश्य को लेकर पंजाब केसरी के संवाददाता हरीश चोपड़ा, सुरेंद्र पंड़ित और डॉ. अबिनाश झा ने उनसे लंबी बातचीत की। राजनाथ सिंह का कहना है कि हमने अपने चुनावी वादे पूरे कर दिए है। हम देश में समान नागरिक संहिता को हर हाल में लागू करेंगे। 'इंडि' गठबंधन अपनी विश्वनीयता खो चुका है और एनडीए गठबंधन तीसरी बार सत्ता में आ रहा है। वह कहते है, आरक्षण धर्म के नाम पर नहीं, गरीबी के आधार पर दिया जा रहा है। ऐसे में आरक्षण खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने सभी मुद्दों पर अपनी बात रखी। पेश है बातचीत के कुछ प्रमुख अंश…
देश की जनता पूरी तरह से आश्वस्त है, जब मोदी जी के नेतृत्व में सरकार होगी तो समाज की अंतिम सीढ़ी पर बैठे लोगों की भी चिंता करेगी। पिछले 10 वर्षों में जनता की आर्थिक स्थिती में काफी सुधार हुआ है। वह सभी महसूस करते है नीति आयोग ने स्पष्ट रुप से कहा है कि 8 वर्षों के अंदर भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए है। मैं यह कह सकता हूं कि किसी भी सरकार ने अभी तक इतनी उपल्धियां हासिल नहीं की है।
मैंने यह बात तीन-चार साल पहले कही थीं कि पीओके को लेने के लिए कोई शायद आक्रमण की जरूरत नहीं है। मेरा मानना है कि पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। पीओके में हमेशा असंतोष रहा है। पाकिस्तान की सरकार ने जिस तरह से पीओको की उपेक्षा की है अब स्वयं वहां से डिमांड उठने लगी है कि हमें भारत के साथ जाना है। कुछ समय पहले पाकिस्तान की जनता ने पीओके का झंड़ा उतार दिया था। जो अनुमान मेरा चार साल पहले था वो अब सच होता हुआ दिख रहा है।
देखिए कोई भी देश चार साल में आत्मनिर्भर नहीं बन सकता है। ये काफी लंबा प्रोसेस है, करीब 25-30 वर्षों तक अधिक परिश्रम करने की जरूरत है। अब हमने ये सिस्टम प्रारंभ किया है कि डिफेंस के क्षेत्र में भी हमें आत्मनिर्भर बनना चाहिए। 2014 में मुश्किल से 600 करोड़ का निर्यात होता था और अभी हाल ही में हमने 31 हजार करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट किया है और निश्चित रुप से आने वाले समय में हम 50 हजार करोड रुपये का निर्यात करेंगे। हमने एक रोडमैप तैयार किया है।
370 हमने पूर्ण रूप से हटा दिया, राम मंदिर का निर्माण हो गया है। अब सीए बड़ा बड़ा मुद्दा है। संविधान में भी भी इसका उल्लेख है। संविधान के नोति निदेशक सिद्धांत है, वही जो मुख्य प्रधानता है उसमे यह समान लगरिक संहिता है। तो जो संविधान कह रहा है हम उसको पवित्र भून्थ की तरह मानते है और उसे लागू करेंगे। लेकिन भारत में चाहे कोई कसी भी धर्म का रहने वाला हो उसके धार्मिक हितों को किसी भी सूरत में चोट नहीं पहुंचने देंगे। जिस प्रकार हमने तीन तलाक को समाप्त किया और इस पर कोई कहे की ये मुस्लिम का मामला था, आपने इसे समाप्त क्यों किया। उनको में बताना चाहता हूं कोई बेटी-बहन और मां चाहे वो किसी भी धर्म की हो उसके ऊपर जुल्म और अत्याचार होगा, तो भारतीय जनता पार्टी उसके साथ खड़ी रहेगी चाहे सरकार बने या ना बने।
नहीं, अभी किसी भी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता नहीं है। अभी अग्निवीर योजना प्रारंभ हुई है, हम अग्निवीर के जवानों से मिले हैं वो संतुष्ट है। उनके भविष्य की चिंता करना सरकार का काम है और सरकार उनके भविष्य के साथ किसी भी सुरत में खिलवाड़ नहीं होने देगी। 10 क्लास पास करने के बाद यदि कोई अग्निवीर बनता है तो चार सालों में उसके पास इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट भी होगा साथ ही कौशल विकास का सर्टिफिकेट भी उसके पास होगा और 15 लाख की राशि भी उसके हाथ में होगी। वो चाहें तो उस दौरान किसी भी चीज की पढ़ाई कर सकता है, डिग्री ले सकता है, बीटेक कर सकता है, मेडिकल कर सकता है या फिर किसी भी कॉम्पिटिशन की तैयारी कर सकता है। सेना में यूथफुलनेस लाने के लिए हमें ये कदम उठाना पड़ा साथ ही समाज में एक ऐसी डिसिप्लिन फोर्स होनी चाहिए ताकि जब भी दूसरे देशों से युद्ध की आवश्यकता पड़े तो उन्हें भी आमंत्रण कर सकें। दूर आधार पर ये फैसला लिया गया।
हम किसी देश को रिश्ते बनाने से रोक नहीं सकते हैं, हम भी कई देशों के साथ अच्छे रिश्ते बना कर रखते हैं। हम मल्टी एलाइनमेंट पॉलिसी पर चलते हैं। चीन और भारत का विवाद लंबे समय से चल रहा है लेकिन अब बातचीत अच्छे माहौल में हो रही है। इसलिए हमें परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
संविधान क्यों खतरे में है? 80 बार तो संविधान का संशोधन कांग्रेस ने किया है। आपातकाल में संविधान की उद्देशिका तक बदल दी गई। उद्देशिका तो संविधान की आत्मा होती है जिसे बदलने का काम कांग्रेस ने किया था। अनावश्यक जनता को गुमराह करते उसकी आंखों में धूल झोंक कर जनता का समर्थन हासिल करना चाहते हैं। हमारा विनम्र सुझाव हैं कि राजनीति राष्ट्रीय निर्माण के लिए होनी चाहिए।
प्रश्न ही खड़ा नहीं होता है। आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था है। विपक्ष केवल जनता को गुमराह कर रहा है क्योंकि उनके पास मुद्दों का आकाल है। वो कह रहे हैं धर्म के आधार पर आरक्षण देंगे लेकिन इसकी संवैधानिक व्यवस्था ही नहीं है फिर कैसे देंगे। हम तो ये ही कहेंगे की झूठ मत बोलों। सार्थक राजनीति झूठ नहीं बल्कि सच बोलकर ही की जा सकती है।
वही राजनाथ सिंह ने कहा की आतंकवाद समाप्ति की ओर है और वही जम्मू-कश्मीर की बात करें तो पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना निश्चित है साथ ही उन्होंने कहा की सबसे बड़ी पूंजी हमारी विश्वसनीयता है, जो हम कहते है वो करते हैं। ऐसा कोई सवाल बताइये की हमारी पार्टी ने घोषणा पत्र में वायदा किया हो और पूरा ना हुआ हो।
ये सब बेबुनियादी बातें हैं! हमारे पास डाटा है करोड़ों की संख्या में लोगों को नौकरी मिली है। हमने लाखों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा क्या ईडी और सीबीआई हमारे समय में बनी है, ईडी और सीबीआई का निर्माण कांग्रेस के समय में हुआ था, लेकिन ईडी और सीबीआई के इन लोगों ने हाथ पैर बांध कर रखें थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्यवाही की जानी चाहिए थी वो करने नहीं देते थे, जैसे 2014 के पहले केवल 34 लाख रूपये इन लोगों ने ज़ब्त किये थे। वही 2014 के बाद हम लोगों ने 22 हजार करोड़ रूपये जब्त किये और इतना ही नहीं 1 लाख करोड़ से ज्यादा संपत्ति ईडी और सीबीआई ने जब्त किये। लेकिन जिस संस्था को आपने बना रखा है, आप उस संस्था को काम ही नहीं करने दे रहे। तो आपको दख्ल करने की क्या जरूरत है।
आप पार्टी और कांग्रेस यहां दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ रहे है और पंजाब में एक दूसरें के खिलाफ चुनाव लड़ रहें है "ये कैसा गठबंधन है" देखिये गैर भाजपा जो है व वो अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है और मैं ये कहूं की भारत की राजनीति में उन्होंने विश्वसनीयता का संकट के दौरान अगर किसी ने चुनौती को स्वीकार किया है तो वह भाजपा है। शुरूआती दौर से अभी तक हमारे घोषणापत्र को उठाकर देख लीजिये। हम कहते चले आ रहे थे की संसद में बहुमत मिलने के बाद करेंगे उसे कर दिखाया है।
किसानों के प्रति हमारे मन में बहुत सम्मान है और मैं समझता हूं कि एमएसपी जितनी बढ़ी है वो लागत मूल्य की लगभग 1.5 गुना बढ़ी है। फर्टीलाइजर की कीमत काफी कम है। एक बोरी फर्टीलाइजर की कीमत अमेरिका में 6 हजार प्रति बोरी है वहीं भारत में 260 प्रति बोरी मिल रही है, यहीं पाकिस्तान में लगभग 800 रुपये बोरी मिल रही है। 6000 रुपये हम हर किसान को दे रहे हैं।
ऐसा है कि इंडिया गठबंधन से ये देश निराश हो चुका है, उनके समर्थक जो थोड़े बहुत बचे हुए हैं। वो हताश व निराश है। इसलिए वो मतदान के लिए जिस उत्साह के साथ उन्हें जाना चाहिए वो नहीं जा रहे हैं। लेकिन हमारे मतदाता जा रहे हैं।
जो करना चाहिए वो घुसपैठिये भी समझ रहे हैं। भारत में घुसने का प्रयास करेंगे तो हमारा हश्र क्या होगा।
राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों को कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए, हमें शब्दों को बहुत नापतोल कर बोलना चाहिए, राजनीतिक क्षेत्र में मर्यादाओं का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए, राजनीतिक के माध्यम से न्याय होना चाहिए। विडम्बना है कि सभी ने राजनीति के शब्द के अर्थ भाव को कम किया है। लेकिन इस खोए हुए भाव को भारतीय जनता पार्टी वापस ला रही है। जैसे 10 वर्षों में हमारी सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा, लेकिन इन लोगों के कार्यकाल को देख लीजिए जहां इनके ऊपर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप न लगा हो। वर्तमान में दिल्ली की सरकार को ही देख लीजिए जहां एक महिला सांसद जो उन्हीं की पार्टी की हैं उनके साथ दुर्वव्यवहार हुआ, उन्हें लात-घूंसों से मारा गया, ये चिंता जनक है और उनकी पार्टी के नेता आजतक एक शब्द भी नहीं बोलें।
सीटों की संख्या के बारे में तो कुछ नहीं कहूंगा लेकिन मिल रहे फीडबैक के आधार पर कह सकता हूं कि इस बरा हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। यहां हमारा लक्ष्य 80 सीटों का है जिसे हम हासिल कर रहे हैं।
महंगाई को लेकर कोई संकट नहीं है लेकिन रोजगार निश्चित रुप से एक चुनौती है। महंगाई का जहां तक सवाल है आप दुनिया के विकसित देशों को भी देख लीजिए उनसे हमारा ये रेट काफी कम है।
बिल्कुल नहीं हमें सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रयास करना चाहिए। हमने प्रधानमंत्री आवास योजना से घर बनवाया, किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को 6000 रुयपे दिए, उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को गैस सिलेंडर दिया ये सब फ्रीबीज नहीं हैं। ये सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।