पीएफआई की देश विरोधी गतविधिया आखें खोलनें वाली हैं। पीएफआई देश को इस्लामिक मुल्क में तब्दील करने की मंशा रखता हैं, पीएफआई की कई आतंकी घटनाओं में गतिविधि सामने आ चुकी हैं। बिहार व झारखंड पीएफआई के लिए उत्तर भारत के लिए सेंटर बना हुआ हैं। पुलिस ने पकड़े गए दोनों आतंकियों के बारे खुलकर बताया हैं। पटना एसएसपी ने कहा पटना में ऐक्टिव इस पीएफआई का गजवा-ए-हिंद और कश्मीर से भी कनेक्शन था। बीती रात पुलिस ने एक और आरोपी मारगुव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया। वह 2006 से 2020 तक दुबई में काम कर चुका है।
गजवा -ए – हिंद के नाम से बना हुआ था व्हाटस्एप्प ग्रुप , बग्लादेशी शख्स था ग्रुप का एडमिन
पटना के एसएसपी एमएस ढिल्लन ने बताया, आरोपी के फोन नंबर की पूरी जांच करने के बाद पता चला कि वह देश विरोधी सामग्रियों को भेजा करता ता। वह गजवा-ए-हिंद नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ा हुआ था, जंहा देश के खिलाफ जहर उगलना व आंतक फैलाने का खाका तैयार किया जाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपी के फोन में दो वॉट्सऐप ग्रुप थे जो कि पाकिस्तान के नंबर से बनाए गए थे। इसमें खाड़ी देशों के भी कई लोग जुड़े हुए थे। वहीं एक ग्रुप जनवरी में किसी बांग्लादेशी शख्स ने बनाया था। गिरफ्तार आरोपी को इन दोनों ग्रुप का ऐडमिन बनाया गया था।
कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए रची साजिश
पटना एसएसपी ने मीडीया को बताया की दोनों व्हाटस्एप्प ग्रुप पर देश के खिलाफ भड़काने वाली सामग्री भेजी जाती थी। जिसके जरिए कश्मीरी युवाओं को भड़काकर सीधा जिहाद के लिए उकसाया जा सकें। ये सभी लोग फिलहाल योजना को रूप देने की तैयारी कर रहे थे। ताकि आने वाले समय में देश को इस्लामिक मुल्क बनाकर गजवा -ए -हिंद का मकसद पूरा किया जा सके।
क्या हैं गजवा -ए -हिंद
गजवा -ए – हिंद के बारे में ऐसी परिकल्पना हैं कि भारत सहित पूरे मध्य एशिया में जब तक इस्लामिक हूकूमत ना आ जाये,तब तक इस्लाम अधूरा हैं। गजवा -हिंद की साजिश रचने वाले आतंकी सबसे पहले भारत को अपने निशाने पर रखते हैं क्योंकि भारतीय क्षेत्रफल कब्जाने के बाद गजवा -ए- हिंद का आधा मकसद पूरा हो जाएगा। और यंहा इस्लामिक हूकूमत आने के बाद शरिया कानून को लागू किया जाए। पाकिस्तान बहुत पहले से गजवा-ए- हिंद का सर्पोटर रहा हैं।