विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों के लेकर भारत का रुख स्पष्ट कर दिया है। एस जयशंकर ने कहा कि चीन को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर भारत की स्थिति के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने शुक्रवार को सिंगापुर में ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमिक फोरम में अपनी बात रखी। विदेश मंत्री ने कहा कि बीजिंग की कार्रवाइयों और दो पड़ोसी देशों के बीच समझौतों के उल्लंघन के कारण भारत और चीन अपने संबंधों में खराब दौर से गुजर रहे हैं और जिसके लिए अभी भी 'विश्वसनीय स्पष्टीकरण' नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दोनों देशों के बीच दि्वपक्षीय संबंधों को लेकर चीन को इस बात पर कोई संदेह है कि भारत का रुख क्या है और इसमें क्या सही नहीं है। जैसा कि आपको पता है कि मैं बहुत ही स्पष्ट तौर पर बोलता हूं, इसलिए मैं अपने समकक्ष वांग यी से भी कई बार मिलकर स्पष्ट तौर पर अपनी बात रख चुका हूं। इसलिए स्पष्टता की कहीं पर कोई कमी नहीं है। अगर वे इस बात को सुन सकते हैं, तो मुझे यकीन है कि उन्होंने इसे जरूर सुना होगा।
खराब दौर से गुजर रहे भारत-चीन के रिश्ते
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते बहुत ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। यह बीजिंग की ओर से की गई कार्रवाईयों की वजह से है। दो पड़ोसी देशों के बीच समझौते के उल्लंघन की वजह से हुआ है। इसलिए उनके पास कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं है, जिस पर हम भरोसा कर सकें। विदेश मंत्री ने कहा कि हमें फिर से सोचने की जरूरत है कि हम अपने रिश्तों को कहां ले जाना चाहते हैं, लेकिन इस बार जवाब उन्हें देना है।
अमेरिका अच्छा दोस्त
विदेश मंत्री ने भारत और अमेरिका के रिश्तों पर बात करते हुए कहा कि अमेरिका अपने वैश्विक नियमों में लचीलापन लाया है, वह एक अच्छा भागीदार है। वह विचारों, सुझावों और नए समझौतों का स्वागत करता है।