संसदीय समितियों की बैठकों में सांसदों की उपस्थिति की दर क्या है? राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने सांसदों की इन बैठकों में हाजिरी से संबंधित रिपोर्ट मांगी है। सांसदों को इस बैठक में आने के लिए विशेष भत्ता दिया जाता है। इसके तहत जो भी सांसद इस बैठक में आते हैं उनके एयर टिकट का 25 फीसदी हिस्सा वहन किया जाता है। राज्यसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यसभा सचिवालय को इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।
साथ ही संसदीय समिति और हाउस पैनल की बैठकों में आने के लिए सांसदों को 2000 रुपया दैनिक भत्ता मिलता है। राज्यसभा अध्यक्ष ने सचिवालय से कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद बैठकों में सांसदों की उपस्थिति को बढ़ाना है, ना की समीक्षा करना। गौरतलब है कि 22 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद राज्यसभा में मौजूद सांसदों और अध्यक्ष के बीच संसदीय कमेटी में सांसदों की कम उपस्थिति को लेकर चर्चा हुई थी।
21 दिसंबर को इस मुद्दे पर हुई थी चर्चा
21 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और 16 सदन की स्थायी समितियों के अध्यक्षों के बीच एक बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। कुछ नेताओं ने प्रस्ताव दिया कि सभी बैठकों के लिए कोरम या 10 (एक पैनल का एक-तिहाई) सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति अनिवार्य नहीं होनी चाहिए। कम से कम तीन चेयर पर्सन ने सुझाव दिया कि रिपोर्ट तैयार करने या अपनाने के लिए कोरम की आवश्यकता होनी चाहिए।
तीन सालों में उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है: नायडू
बैठक में शामिल होने वाले एक विधायक ने तर्क दिया कि अक्सर गवाह कोरम की कमी के कारण बिना बयान के लौटने के लिए मजबूर हो जाते हैं।’ अन्य सांसदों ने तर्क दिया कि यदि कोरम की आवश्यकताओं को हटा दिया जाता है, तो पुनर्निर्धारित बैठकों से संबंधित बाधाओं से बचा जा सकता है। नायडू ने नेताओं से कहा कि वह राज्यसभा की आठ समितियों की बैठकों में उपस्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है।