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कृषि कानून : किसानों का प्रदर्शन जारी, केंद्र के साथ बातचीत विफल होने के बाद क्या होगी रणनीति

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की मांग पर काम नहीं कर रही है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “बैठक लगातार हो रही है लेकिन बैठक में कोई कामयाबी नहीं मिल रही है। किसान बड़ी संख्या में दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं।”

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। इससे राष्ट्रीय राजधानी की ओर आने वाले अहम मार्गों पर लंबा यातायात जाम लग गया। सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा पंजाब पूरे देश का किसान एक साथ है और देश के किसानों ने आपस में तालमेल कर लिया है, 13 राज्यों से समर्थन आ चुका है। सरकार को जल्दी इसका हल निकालना चाहिए, अगर जल्दी हल नहीं निकलता तो 9 दिसंबर की बैठक के बाद नई रणनीति बनेगी। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “जब तक कानून वापस नहीं होते, तब तक हम नहीं जाएंगे।”
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की मांग पर काम नहीं कर रही है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “बैठक लगातार हो रही है लेकिन बैठक में कोई कामयाबी नहीं मिल रही है। किसान बड़ी संख्या में दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं।” एक किसान नेता के अनुसार केंद्र की सरकार घबराहट में है, वो किसानों के मुद्दे मान चुकी है और जानबूझकर लटका रही है। सरकार सोचती है कि शायद बूढ़े-बच्चे घबरा कर घर चले जाएंगे, इन्होंने हमार इतिहास नहीं पढ़ा है। हमारे पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
किसानों ने शुक्रवार को आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया था और चेताया था कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे तथा राष्ट्रीय राजधानी की ओर लाने वाली और सड़कों को अवरूद्ध कर देंगे। दिल्ली पुलिस ने सिंघू, लामपुर, औचंदी, साफियाबाद, प्याऊ मनियारी और साबोली बॉर्डर बंद होने की जानकारी यात्रियों को ट्विटर के माध्यम से दी। उसने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 दोनों तरफ से बंद था।
पुलिस ने यात्रियों को राष्ट्रीय राजमार्ग -8, भोपुरा, अप्सरा बॉर्डर और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जैसे वैकल्पिक मार्ग लेने का सुझाव दिया। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जाने वाले अपने सभी संचालनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला किया है। बस सेवाओं के बंद होने ओर अन्य वैकल्पिक रास्तों पर भीड़ के चलते राष्ट्रीय राजधानी के करीब के क्षेत्रों के यात्रियों को खासी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए एसी बसों की भी सभी प्री-बुकिंग रद्द कर दी गई हैं, यूपीएसआरटीसी उन बुकिंगों का किराया वापस कर देगा। यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि विरोध समाप्त होने के बाद बस सेवाएं फिर से शुरू कर दी जाएंगी। राज्य परिवहन निगम आगरा से दिल्ली के लिए प्रतिदिन कम से कम 60 बसों का संचालन करता था। बस ड्राइवरों से मिली प्रतिक्रिया के बाद अब इसे अपनी सेवाओं को बंद करना पड़ा है।
यूपीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार के अनुसार, अब दिल्ली जाने वाली बसों का संचालन करना जोखिम भरा है। उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि यात्री परेशान हों क्योंकि दिल्ली जाने वाले मुख्य रास्तों के साथ-साथ वैकल्पिक रास्ते भी बंद हो गए हैं।” शादी के सीजन के दौरान बस सेवाओं के बंद होने से यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। एक यात्री ने कहा, “हम दिल्ली जाने के लिए निजी टैक्सियां ले रहे हैं और उन्होंने अपने किराए भी बढ़ा दिये हैं।” आगरा जाने वाले दैनिक यात्रियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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