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क्या होगा किसान आंदोलन के आगे रूख ? SKM ने किया स्पष्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले के बाद लगातार दूसरे दिन संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई। बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह एक अच्छा कदम (तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना) था,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले के बाद लगातार दूसरे दिन संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई। बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह एक अच्छा कदम (तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना) था, हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है।संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आगे के कदमों पर फैसला करने के लिए 27 नवंबर को एक और बैठक करेगा, जबकि 29 नवंबर को किसानों का संसद तक निर्धारित मार्च तय कार्यक्रम के अनुरूप ही होगा। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने रविवार को यह बात कही।
एक बैठक के बाद सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजेवाल ने कहा, “हमने कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा पर चर्चा की। इसके बाद, कुछ फैसले लिए गए। एसकेएम के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पहले की तरह ही जारी रहेंगे। 22 नवंबर को लखनऊ में किसान पंचायत, 26 नवंबर को सभी सीमाओं पर सभा और 29 नवंबर को संसद तक मार्च होगा।”
प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के मुख्य संगठन एसकेएम ने आगे के कदमों पर फैसला लेने के लिए रविवार सुबह बैठक की। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का मुद्दा और आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च शामिल है। किसान नेता अपने इस रुख पर कायम हैं कि प्रदर्शनकारी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में तब तक रहेंगे, जब तक कि केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार की आश्चर्यजनक घोषणा के बाद संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से रद्द नहीं करता और एमएसपी की वैधानिक गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने की उनकी अन्य मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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