वायुसेना ने मिकोयान-गुरेविच 27 (मिग-27) को शुक्रवार को सेवामुक्त कर दिया। शुक्रवार को सात विमानों के अंतिम बेड़े ने अंतिम बार आसमान में उड़ान भरी। मिग-27 लड़ाकू विमानों ने 20 साल पहले पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
लड़ाकू विमान ने जोधपुर एयरबेस पर अंतिम बार उड़ान भरी, जहां वायुसेना के मिग-27 को संचालित करने वाला बेड़ा है।
मिग-27 का भारत में कोड नाम ‘बहादुर’ था। मिग-27 तीन दशक से ज्यादा समय तक राष्ट्र की सेवा में रहा और इसका बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड रहा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘इन विमानों ने शांति और युद्ध दोनों के दौरान राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बेड़े ने ऐतिहासिक कारगिल युद्ध के दौरान गौरव हासिल किया, जब उसने दुश्मन के ठिकानों पर सटीकता के साथ रॉकेट और बम गिराए। बेड़े ने ऑपरेशन पराक्रम के दौरान भी सक्रियता से भाग लिया।’
अपग्रेडेड मिग-27 कई अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय अभ्यासों में भाग ले चुका है।
रक्षामंत्री ने कहा कि नंबर 29 स्क्वाड्रन वायुसेना में एकमात्र इकाई है, जो अपग्रेड मिग-27 का संचालन करती है। इस स्क्वाड्रन को 10 मार्च, 1958 को स्थापित किया गया था।
मंत्रालय ने कहा, ‘वर्षो से स्क्वाड्रन कई प्रकार के लड़ाकू विमानों जैसे मिग-21 टाइप 77, मिग-21 टाइप 96, मिग-27 एमएल और अपग्रेड मिग-27 से लैस है।’