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मुसलमानों पर शर्तें लगाने वाले भागवत कौन? RSS चीफ के बयान पर भड़के ओवैसी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा था कि मुसलमानों को ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना होगा। भागवत के इस बयान को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हमला बोला है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा था कि मुसलमानों को ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना होगा। भागवत के इस बयान को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की परमिशन देने वाले मोहन भागवत कौन होते हैं? हम भारतीय हैं क्योंकि अल्लाह ने चाहा है। उन्होंने हमारी नागरिकता पर शर्तें लगाने की हिम्मत कैसे की? हम यहां अपने विश्वास को समायोजित करने या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं।
ओवैसी ने लगाया मोहन भागवत पर आरोप 
ओवैसी ने आगे कहा कि बहुत सारे हिंदू हैं, जो आरएसएस के वर्चस्व के गलत बयानबाजी को महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने ही देश में विभाजन पैदा करने में व्यस्त हैं तो आप दुनिया के लिए वसुधैव कुटुम्बकम नहीं कह सकते। AIMIM प्रमुख ने कहा कि पीएम मोदी दूसरे देशों के सभी मुस्लिम नेताओं को गले क्यों लगाते हैं लेकिन अपने देश में एक भी मुस्लिम को गले लगाते नहीं दिखते? ओवैसी ने भागवत के बयान को अभद्र भाषा करार दिया।
मुस्लिमों को ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना होगा-भागवत
‘ऑर्गेनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान भागवत ने कहा, ‘हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने एवं साथ लेकर चलने की प्रवृति है।’ सरसंघचालक ने कहा, ‘हिन्दुस्थान, हिन्दुस्थान बना रहे, सीधी सी बात है। इससे आज भारत में जो मुसलमान हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं है। वह हैं। रहना चाहते हैं, रहें। पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं। उनके मन पर है।’
उन्होंने कहा, ‘इस्लाम को कोई खतरा नहीं है, लेकिन हम बड़े हैं, हम एक समय राजा थे, हम फिर से राजा बने…यह छोड़ना पड़ेगा और किसी कोई भी छोड़ना पड़ेगा।’ साथ ही, भागवत ने कहा ‘ऐसा सोचने वाला कोई हिन्दू है, उसे भी (यह भाव) छोड़ना पड़ेगा। कम्युनिस्ट है, उनको भी छोड़ना पड़ेगा।’
हिन्दू आक्रामक नहीं
भागवत ने कहा कि एकमात्र हिन्दू समाज ऐसा है, जो आक्रामक नहीं है, इसलिए अनाक्रामकता, अहिंसा, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता।।यह सब बचाए रखना है। उन्होंने कहा, ‘तिमोर, सूडान को हमने देखा, पाकिस्तान बना, यह हमने देखा। ऐसा क्यों हुआ? राजनीति छोड़कर अगर तटस्थ होकर विचार करें कि पाकिस्तान क्यों बना?’ उन्होंने कहा, ‘जब से इतिहास में आंखे खुली तब भारत अखंड था। इस्लाम के आक्रमण और फिर अंग्रेजों के जाने के बाद यह देश कैसे टूट गया।। यह सब हमको इसलिये भुगतना पड़ा क्योंकि हम हिन्दू भाव को भूल गए।’ 
हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता को छेड़ने की ताकत किसी में नहीं
भागवत ने कहा, ‘हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता को छेड़ने की ताकत अब किसी में नहीं है। इस देश में हिन्दू रहेगा, हिन्दू जायेगा नहीं, यह अब निश्वित हो गया है। हिन्दू अब जागृत हो गया है। इसका उपयोग करके हमें अंदर की लड़ाई में विजय प्राप्त करना और हमारे पास जो समाधान है, उसे प्रस्तुत करना है।

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