विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर भारत के नक्शे को गलत दिखाने के मामले में मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस एडहानॉम को पत्र लिखकर गलती सुधारने को कहा है। भारत ने पत्र में बेहद सख्त लहजे में कहा है कि गलत नक्शे को फौरन सुधार लिया जाए। भारत की तरफ से इस मुद्दे पर पिछले एक महीने में डब्ल्यूएचओ को तीसरी बार यह पत्र लिखा गया है।
इससे पहले, दिसंबर में दो बार डब्ल्यूएचओ चीफ को पत्र लिखा जा चुका है। पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के परमानेंट प्रतिनिधि इंद्र मणि पांडेय ने डब्ल्यूएचओ चीफ को इस बारे में जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ के नक्शों में जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को बाकी भारत से अलग शेड में दिखाया गया है। इसके अलावा 5,168 वर्ग किलोमीटर में फैली शक्सगाम घाटी, जिसे पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से चीन के हवाले कर दिया था, उसे चीन का हिस्सा दिखाया गया है।
1954 में चीन ने जिस अक्साई चिन क्षेत्र पर कब्जा किया, उसे नीली स्ट्रिप्स में दिखाया गया है। डब्ल्यूएचओ ऐसे ही रंग में चीनी क्षेत्र को दर्शाता है। भारत ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के पोर्टल्स पर मौजूद वीडियो और मैप्स में उसकी सीमाओं को ठीक से नहीं दर्शाया जा रहा।
आठ जनवरी को डब्ल्यूएचओ चीफ को लिखी चिट्ठी में लिखा, ”मैं डब्ल्यूएचओ के अलग-अलग वेब पोर्टल्स पर नक्शों में भारत की सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाए जाने पर बेहद नाराजगी जाहिर करता हूं। इस मामले में मैं डब्ल्यूएचओ को भेजे गए हमारे पिछले संदेशों की भी याद दिलाना चाहूंगा, जिनमें हमने इन्हीं गलतियों की बात की थी। मैं आपसे इस मामले में तुरंत दखल देखकर भारत की सीमाओं को गलत ढंग से प्रदर्शित करना बंद करवाने की गुजारिश करता हूं। कृपया सही मानचित्रों का प्रयोग करें।”