प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ओडिशा सरकार पर गरीबी उन्मूलन के इरादे की कमी का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना करने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एवं बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शनिवार को भाजपा से केबीके योजना के लिए धनराशि बंद का कारण पूछा।
पटनायक ने नवरंगपुर जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह मुद्दा उठाया। यह जिला केबीके (कालाहांडी-बोलांगीर-कोरापुट) क्षेत्र के सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गरीबी को देखते हुए केबीके क्षेत्र के लिए विशेष सहायता का प्रावधान किया था।
हालांकि, राजग सरकार ने 2016-17 से केबीके योजना के लिए प्रतिवर्ष 250 करोड़ रुपये का वित्तपोषण बंद कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से राशि प्रदान करके इसे जारी रखा।
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नबरंगपुर की सभा में पटनायक ने यह सवाल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस और बीजद पर यह आरोप लगाए जाने के कुछ घंटे बाद किया कि दोनों पार्टियां राजनीति के लिए गरीबी को जीवित रखना चाहती हैं। मोदी ने यह बात आज दिन में पहले सुंदरगढ़ और सोनपुर में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कही।
पटनायक ने लोगों से आग्रह किया कि वे आने वाले भाजपा नेताओं को यह बताने के लिए कहें कि उन्होंने केबीके योजना के लिए धनराशि क्यों रोकी।
पटनायक ने केंद्र सरकार पर अपना हमले तेज करते हुए रायगढ़ में अपनी सभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति योजना बंद करने और राज्य के आदिवासी क्षेत्र में लाभार्थियों को वंचित करने के लिए भाजपा की आलोचना की।
पटनायक ने महानदी नदी में पानी के ‘प्रवाह’ को रोकने, किसानों को फसल बीमा का ‘भुगतान न करने’, धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की दर ‘‘नहीं बढ़ाने’’ और नवरंगपुर के लिए नई रेल लाइन निर्माण में केंद्र के ‘विफल’ रहने के लिए भी भाजपा को ‘जिम्मेदार’ ठहराया।।
बीजद अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय दलों के नेताओं ने पिछले पांच साल के कार्यकाल में कभी भी आदिवासी जिले का दौरा नहीं किया लेकिन अब केवल वोट पाने के लिए दौरे कर रहे हैं।
भाजपा पर कालिया योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता का वितरण रोकने का आरोप लगाते हुए पटनायक ने वादा किया कि चुनाव जीतने के बाद उनकी सरकार के शपथ लेने के पहले दिन सभी लाभार्थियों को उनका बकाया मिल जाएगा।