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G20 का श्रेय PM मोदी को क्यों न मिले? केंद्रीय मंत्री अमित शाह खुलकर बोले और क्या- क्या बोले

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान जमकर वायरल हो रहा है। जहाँ इस बयान में अमित शाह खुलकर ये बोलते हुए नज़र आ रहे हैं कि G-20 का श्रेय आख़िर PM मोदी को क्यों नहीं मिलना चाहिए। दरअसल अडानी हिंडन बर्ग मामले को लेकर, बीएसई प्रतिबद्ध मामले को लेकर और 2024  लोक सभा चुनाव समेत कई मामलों को लेकर अमित शाह ने खुलकर बातचीत की।     

G-20 का श्रेय पीएम को मिलना चाहिए- अमित शाह 

अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी के समय में G-20 का नेतृत्व भारत को मिला है और G-20 यशस्वी तरीके से संपन्न होता है तो इसका  श्रेय पीएम को मिलना चाहिए।  उन्होंने कहा कि क्यों न मिले?... अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए ।     

हमने पीएफआई को सफलतापूर्वक बैन किया- केंद्रीय गृह मंत्री 

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व और भारत के बाकी के हिस्सों के बीच जो मन की दूरी थी उसे समाप्त कर दिया ।   आज उत्तर-पूर्व के लोगों को मन से लगता है कि बाकी हिस्सों में हमारा सम्मान है।  बाकी राज्यों से लोग उत्तर-पूर्व जाते हैं तो वे उनका भी सम्मान करते हैं।  उन्होंने कहा कि पीएफआई कैडर पर कई मामले थे उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका... हमने पीएफआईको सफलतापूर्वक बैन किया।  उन्होंने कहा कि पीएफआईदेश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था।  आतंकवाद की एक प्रकार से सामग्री तैयार करने का काम वे लोग कर रहे थे।  

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बोले अमित शाह 

अमित शाह ने कहा कि बिहार और झारखंड में नक्सवादी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है।  मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे।  उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद से संबंधित सभी प्रकार के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं।  लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी नेता अमित शाह ने कहा कि 2024 में कोई स्पर्धा नहीं है, देश एकतरफा मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है।  उन्होंने कहा कि देश की जनता को तय करना है अभी तक तो लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का लेबल जनता ने किसी को नहीं दिया है।  

संसद में अमर्यादित टिप्पणियों को लेकर अमित शाह ने ये कहा-

वहीं, संसद में अमर्यादित टिप्पणियों को हटाने को लेकर अमित शाह ने कहा कि संसद की कार्यवाही एक्सपंज वाक्यों से भरी पड़ी है।  उन्होंने कहा कि संसद में नियमों के हिसाब से बहस करनी होती है, संसदीय भाषा में करनी होती है।  बीजेपी नेता ने शहरों के नाम बदलने को लेकर कहा कि एक भी शहर ऐसा नहीं है जिसका पुराना नाम न हो और बदला है।   उन्होंने बीजेपी की राज्य सरकारों की ओर से शहरों का नाम बदलने के फैसलों का बचाव करते हुए कहा कि इस पर बहुत सोच समझकर हमारी सरकारों ने फैसले लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है।  फ़िलहाल अमित शाह द्वारा इंटरवयू में कही गयी कई बातें चर्चा का विषय बानी हुई हैं।