पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर समाज में घृणा फैलाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि असम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर मुख्यालय से न चलाया जाए, बल्कि यहां के लोग चलाएं।
राहुल ने यहां पार्टी की ओर से आयोजित ‘संविधान बचाओ-भारत बचाओ’ रैली को संबोधित करते हुए सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर गोलीबारी करने के लिए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को आड़े हाथ लिया, और कहा कि असम समझौते की भावना को हल्का नहीं किया जाना चाहिए।
सीएए के आने से राज्य में हुई हिंसा के बाद यहां पहली बार आने पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा जहां जाती है वहां नफरत फैलाती है। भाजपा लोगों की आवाज नहीं सुनना चाहती।’
भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्हें असम के इतिहास, संस्कृति और भाषा पर हमला करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’
राहुल गांधी ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘अगर किसी भी शासक को यह लगता है कि वह पूर्वोत्तर (भारत) की भाषा, इतिहास और संस्कृति को केवल दो मिनट में ‘नियंत्रित और समाप्त’ कर सकता है, तो मैं कहूंगा कि उन्हें आपके बारे में कोई जानकारी नहीं है, उन्हें पूर्वोत्तर के बारे में कुछ पता नहीं है।’
उन्होंने असम और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारी युवाओं पर की गई कार्रवाई को लेकर भी भाजपा की तीखी आलोचना की।
राहुल ने सवाल किया, ‘असम में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं, अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसा क्यों है कि उन पर गोलियां चलाकर उनकी जान लेनी पड़ती है? प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर गोली चलाने की क्या जरूरत है? जो लोग शांति से अपनी बात कहना चाहते हैं उन्हें क्यों मारना है? आखिर मकसद क्या है?’
राहुल ने कहा कि देश के युवा गुस्से में हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार देश की अर्थव्यवस्था को ‘नष्ट’ कर रही है और उन्हें नौकरियों की तलाश में भटकना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी का एक ही काम है ‘देश को बांटना।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी जी ने 2 लाख नौकरियों का वादा किया था। आज युवा नौकरी की तलाश में यहां-वहां घूम रहा है। युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है।’