साल 2020 का हाथरस गैंगरेप कांड को आज तक कोई भी नहीं भूला पाया है। दरींदों ने पहले युवती के साथ रेप किया, फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। अब उम्मीद जताई जा रही है कि आज यानि गुरुवार को इस पर कोर्ट का फैसला आ सकता है। वहीं, पुलिस प्रशासन ने अपनी ओर से जिले में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। जिले के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस गहाथरस की बेटी को मिलेगा न्याय? 2019 में किया गया था गैंगरेपश्त कर रही है।
दलित युवती के साथ गैंगरेप करने का आरोप
बता दें कि गांव के ही चार लड़कों पर दलित युवती के साथ गैंगरेप करने का आरोप है। युवती की उम्र 19 साल साल बताई गई थी। ऐसे आरोप लगे थे कि रेप के बाद पीड़िता की जीभ भी काट दी गई थी। इसके बाद पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। 14 सितम्बर 2020 को युवती के साथ रेप हुआ और इसी महीने 29 सितम्बर को उसकी मौत हो गई।
35 लोगों की गवाही
आरोपियों के नाम संदीप ठाकुर, लवकुश,रामू और रवि हैं। इस मामले की सीबीआई की टीम ने भी अपनी ओर से जांच किया था। सीबीआई ने इस मामले में अब तक 35 लोगों की गवाही कराई है। यह मामला एससीएसटी एक्ट कोर्ट में है। उम्मीद है कि कोर्ट आज इस केस पर अपना फैसला सुना सकता है। युवती की मौत के बाद हाथरस के डीएम (Hathras DM) ने पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की थी। वहीं, जिला अधिकारी ने कहा था कि गैंगरेप पीड़िता की जीभ काटे जाने वाली बात बिल्कुल गलत है। गैंगरेप के चारों आरोपियों को एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
आरोपियों ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी थी
युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी। तभी दरिंदों ने घटना को अंजाम दिया। युवती चिल्लाती रही, लेकिन आरोपियों का दिल नहीं पसीजा। उन्होंने उसके साथ गैंगरेप किया। फरार होने से पहले आरोपियों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए युवती को बेरहमी से मारा पीटा। फिर उसका पैर तोड़ दिया। प्राथमिक इलाज करने वाले डॉक्टरों ने उस समय बताया था कि युवती की गर्दन को क्रूरता के साथ मरोड़ा गया था। उसके निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी।