देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी को लंबे अंतराल के बाद नए अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे मिल चुके है। कांग्रेस एक व्यक्ति एक पद की राह पर अग्रसर है। राजयसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। बता दें कि अध्यक्ष बनने से पहले खड़गे ने राजयसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी के “1 व्यक्ति 1 पद” के नियम का अनुसरण किया था। हालांकि अब कयास लगाए जा रहे है कि वह दोबारा राजयसभा में विपक्ष की कमान संभाल सकते है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पार्टी को इस पद के लिए अब तक उनका विकल्प नहीं मिला है और वह कम से कम शीतकालीन सत्र तक खड़गे इस पद को संभाल सकते है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते दिनों रणनीतिक समूह की बैठक बुलाई थी। जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश शामिल हुए थे। नेता प्रतिपक्ष बनने की रेस में पार्टी के दिग्गज नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम शामिल है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इनके नाम पर विचार कर रहा है। हालांकि इनमें से किसी को मौका मिलता है तो पार्टी के एक व्यक्ति एक पद नियम पर सवाल नहीं उठेंगे और अगर खड़गे को ही नेता प्रतिपक्ष चुना जाता है तो कांग्रेस अपने नियम को तोड़ती नजर आएगी।
राजस्थान में मचे बवाल का मुख्य कारण
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान “1 व्यक्ति 1 पद” के नियम पर जोर दिया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन वह अध्यक्ष के साथ-साथ सीएम भी बने रहना चाहते थे। जिसका कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट विरोध कर रहे थे। यहीं राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी घमासान की कारण था।