देश के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में जारी बर्फबारी से उत्तर भारत में शीतलहर का दौर शुरू हो गया। मैदानी इलाके दिसंबर महीने में बर्फीली हवाओं की चपेट में है। दिल्ली से लेकर राजस्थान तक लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। राजस्थान के कई हिस्सों में तापमान एक डिग्री सेल्सियस से लेकर शून्य से नीचे तक चला गया।
4.6 डिग्री दर्ज हुआ तापमान
दिल्ली में रविवार को सर्द सुबह के साथ दिन का आगाज हुआ और न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान करीब 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग ने आसमान साफ रहने और राष्ट्रीय राजधानी में सर्द हवाएं चलने का अनुमान जताया है।
मौसम विभाग ने कहा कि दिल्ली में शनिवार को मौसम का पहला ‘‘सर्द दिन’’ रहा और पश्चिमोत्तर हवाओं के कारण शहर में न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री कम और इस मौसम का सबसे कम तापमान है। जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम या इसके बराबर और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जाता है, तो उसे ‘‘सर्द दिन’’ कहा जाता है।
राजस्थान में पेड़ और पौधों पर जम गई बर्फ
राजस्थान में कड़के की सर्दी का कहर बढ़ता जा रहा है और आज सीकर में तापमान माइनस से निचे चला गया, जिससे लोग बेहाल हो गए। यहां खेत में पेड़ और पौधों पर ओस जम गई है। मौसम विभाग ने कई जिलों में रविवार से शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान के उत्तरी भाग के जिलों चुरू, सीकर, झुंझुनू और हनुमानगढ़ में शीतलहर का प्रकोप है। ये पहली बार है जब राजस्थान के सीकर के फतेहपुर में तापमान माइनस में चला गया है। यहां पेड़ बर्फ से जम गए हैं।
बढ़ती ठंड से जनजीवन प्रभावित हो रहा है और लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है। सर्दी बढ़ जाने से लोग ठिठुरने लगे और अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास करते नजर आए। इस दौरान पाला पड़ने से फसलों के नुकसान की भी संभावना है। दिन में धूप निकलने पर कड़के की सर्दी में राहत महसूस की जाने लगी।