संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलने वाला है। इस दौरान सुचारू रूप से कामकाज सुनिश्चित हो इसके लिए सरकार ने 6 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया, ‘‘सर्वदलीय बैठक छह दिसंबर को सुबह 11:00 बजे बुलाई गई है।’’
उन्होंने बताया कि इस बैठक (सरकार द्वारा बुलाई) में संसद सत्र के दौरान सुचारू रूप से कामकाज सुनिश्चित करने के लिये सभी राजनीतिक दलों का सहयोग मांगा जायेगा। 7 दिसंबर से शुरुआत और 29 दिसंबर को समापत होने तक इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। लोकसभा और राज्यसभा ने अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके तारीखें अधिसूचित कर दी हैं।
संसद भवन में आयोजित होगा सत्र
लोकसभा सचिवालय के बयान में कहा गया है कि 17वीं लोकसभा का दसवां सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और सरकारी कामकाज के अनुरूप यह 29 दिसंबर को समाप्त हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि सत्र पुराने संसद भवन में आयोजित होने की संभावना है, क्योंकि नये भवन का निर्माण साल के अंत तक खिंच सकता है।
दोनों सदनों द्वारा जारी समान अधिसूचनाओं में कहा गया है, “सरकारी कामकाज की अनिवार्यताओं के अधीन, गुरुवार 29 दिसंबर 2022 को सत्र समाप्त होने की संभावना है।” सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए आम सहमति बनाने के वास्ते सर्वदलीय बैठकें बुलाएंगे।
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शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरु होता है और सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होती हैं, लेकिन ऐसे उदाहरण भी हैं जब 2017 और 2018 में सत्र का आयोजन दिसंबर में किया गया था। कुछ दिन पहले ही, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया था, ‘‘संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से 29 दिसंबर तक चलेगा। 23 दिनों के इस सत्र में 17 बैठकें होंगी।’’ जोशी ने कहा था कि आजादी के अमृतकाल में सत्र के दौरान विधायी कार्य सहित अन्य विषयों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हूं।