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SC ने दिल्ली HC के फैसले पर लगाई मोहर, सेना में महिला अधिकारियों को मिलेगा स्थाई कमीशन

कोर्ट ने केंद्र से कहा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए क्योंकि सशस्त्र बलों में लिंग आधारित भेदभाव खत्म करने के लिए सरकार की ओर से मानसिकता में बदलाव जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर मोहर लगा दी है जिसमें सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की बात कही गयी थी। साथ ही कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगते हुए कहा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए क्योंकि सशस्त्र बलों में लिंग आधारित भेदभाव खत्म करने के लिए सरकार की ओर से मानसिकता में बदलाव जरूरी है। 
उन्होंने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों को कमान पोस्ट देने पर पूरी तरह रोक अतार्किक और समानता के अधिकार के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि सेना में स्थायी कमीशन का चुनाव करने वाली सभी महिला अधिकारियों को तीन महीने के भीतर स्थायी कमीशन दिया जाए। 
1581919726 supreme court
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति विकासवादी प्रक्रिया है। साथ ही पीठ ने कहा, महिला अधिकारी भी सेना में कमांड पोस्ट पर नियुक्ति के लिए पात्र होंगी।
कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें शारीरिक सीमाओं और सामाजिक चलन का हवाला देते हुए सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन नहीं देने की बात कही गई थी। कोर्ट ने कहा कि यह परेशान करने वाला है। 

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कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि स्थायी कमीशन सेना में सभी महिला अधिकारियों को सेवा में लागू करेगा, चाहे उनकी सेवा को कितने वर्षों हो गए हो। जस्टिस चंद्रचूड़़ ने कहा कि हम इस याचिका को खारिज करते हैं और 3 महीने में कोर्ट के इस फैसले का अनुपालन होना चाहिए।  

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