प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने E-100 पायलट परियोजना का शुभारंभ किया और 2020-25 के लिए भारत में एथनॉल मिश्रण की कार्ययोजना पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का अनावरण किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, क्लाइमेट चेंज की वजह से जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, भारत उनके प्रति जागरूक भी है और सक्रियता से काम भी कर रहा है। उन्होंने कहा, पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों का संगठित होना बहुत ज़रूरी है। देश का एक-एक नागरिक जब जल-वायु और ज़मीन के संतुलन को साधने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेगा, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात हो तो यह जरूरी नहीं कि विकास कार्यों को अवरूद्ध किया जाए और इस मामले में भारत दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं। भारत ने यही रास्ता चुना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो दुनिया कभी भारत को एक चुनौती के रूप में देखती थी। जलवायु परिवर्तन... इतनी बड़ी आबादी... लोगों को लगता था कि संकट यहीं से आएगा... लेकिन आज स्थिति बदल गई है। आज हमारा देश जलवायु परिवर्तन का अगुवा बनकर उभर रहा है। एक विकराल संकट के विरुद्ध बड़ी ताकत बन रहा है।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘एक सूर्य, एक विश्व और एक ग्रिड’’ की दृष्टि को साकार करने वाला अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन हो या फिर आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिये गठबंधन की पहल, भारत एक बड़ी वैश्विक दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है।
इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा, अब इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का प्रतिशत वर्ष 2014 में 1-1.5 था जो बढ़कर 8.5 प्रतिशत हुआ, एथेनॉल की खरीद 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 320 करोड़ लीटर हुई। 6-7 साल में रिन्यूएबल एनर्जी की हमारी क्षमता में 250% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इंस्टॉलड रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के मामले में भारत आज दुनिया के टॉप-5 देशों में है। इसमें भी सौर ऊर्जा की क्षमता को बीते 6 साल में लगभग 15 गुना बढ़ाया है।