देश की अर्थव्यवस्था को बदहाली के दौर में ले जाने का आरोप लगाती रही कांग्रेस को भाजपा दिग्गज यशवंत सिन्हा ने बल दे दिया है। कांग्रेस ने भी मौका गंवाए बिना वार करते हुए कहा कि वास्तव में एनडीए सरकार ने पटरी पर दौड़ रही हमारी बेहतर अर्थव्यवस्था को संकट और कुप्रबंधन के दौर में धकेल दिया है। सिन्हा की बेबाकी की तारीफ करते हुए पार्टी ने उद्योग जगत की नामचीन हस्तियों से भी डर को छोड़ मौजूदा आर्थिक हालत की सच्चाई से देश को रुबरू कराने की अपील की।
कांग्रेस नेता पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के संक्रमण और कुप्रबंधन के दौर से गुजरने की पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा की टिप्पणी को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि वास्तव में वरिष्ठ भाजपा नेता ने अर्थव्यवस्था के उन गंभीर हालातं का जिक्र कर सरकार की नाकामियों को गिनाया है, जिन्हें कांग्रेस पिछले कुछ समय से लगातार उठाती आ रही है।
न्होंने आगे कहा कि, ”नोटबंदी और जीएसटी का भार अब जनता के कंधों पर आ गिरा है। पिछली 6 तिमाही में जीडीपी दर लगातार फ़िसलकर 9.2 से 5.7 प्रतिशत आ गिरी है। पुराने आंकड़ों से देखें तो जीडीपी दर 3.5 प्रतिशत पर ही है। भाजपा शासन में जीडीपी में निर्यात का हिस्सा 19.4 प्रतिशत है, जो पिछले 14 सालों में सबसे कम रह गया है।
निजी निवेश के बारे में चिदंबरम ने कहा कि निजी निवेश में कोई वृद्धि नहीं है। ‘ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन’ जीडीपी के प्रतिशत में 26.9% है, जो की 14 सालों में सबसे कम है। झूठे प्रचार और विज्ञापनों की जादूगरी चलाकर पीएम देश को ग़ुमराह कर रहें है। मेक इन इंडिया का हाल बेहाल है. उत्पादन 8 सालो में सबसे कम है।
महंगाई और अत्यधिक करों ने लोगों की जेब काट ली है, रोज़ाना बचत की योजनाओं पर ब्याज कम कर भाजपा जनता का उत्पीड़न कर रही है. पेट्रोल,डीज़ल पर टैक्स और रसोई गैस पर सब्सिडी कम कर भाजपा मुनाफ़ाख़ोरी कमाने में व्यस्त है। इससे 2,67,000 करोड़ सरकारी ख़जाने में आ चुके है। आम नागरिक को लूटकर मुनाफा कमाना और उनके मेहनत से कमाए गए पैसों से सरकारी खजाना भरना, भाजपा की नीति और नीयत बन चुकी है।