भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।
पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है?
क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, “भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है। पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?”
क्या सरकार इस बात की पुष्टि करेगी कि यस बैंक की ऋण पुस्तिका भाजपा की निगरानी में ऐसे बढ़ी है:
FY2014: 55,000 करोड़
FY2015: 75,000
FY2016: 98,000
FY2017: 1,32,000
FY2018: 2,03,000
FY2019: 2,41,000— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “क्या सरकार इस बात की पुष्टि करेगी कि यस बैंक की ऋण पुस्तिका भाजपा की निगरानी में ऐसे बढ़ी है: FY2014: 55,000 करोड़, FY2015: 75,000, FY2016: 98,000 , FY2017: 1,32,000 , FY2018: 2,03,000 , FY2019: 2,41,000 ” उन्होंने कहा कि जब उपरोक्त अवधि के दौरान समग्र बैंक ऋण में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, तो येस बैंक की ऋण पुस्तिका में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि कैसे हुई?”