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YES BANK : अनिल अंबानी, सुभाष चंद्रा समेत कुछ अन्य उद्योगपतियों को प्रवर्तन निदेशालय ने किया तलब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन को यस बैंक ने कर्ज दिया था और ये सभी ऋण फंसे हुए हैं।

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर तथा अन्य के खिलाफ दायर मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में एस्सेल समूह के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और इंडिया बुल्स के चेयरमैन समीर गहलोत समेत कुछ अन्य शीर्ष उद्योगपतियों को इस सप्ताह तलब किया है। 
अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि डीएचएफएल के मुख्य प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान के अलावा रिलायंस अनिल धीरूभाई समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को भी 19 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई के बल्लार्ड एस्टेट स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिये उपस्थिति होने को कहा गया है। वाधवान को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। 
ये उद्योगपति उन शीर्ष पांच कंपनियों का नेतृत्व करते हैं जिन्होंने संकट में फंसे यस बैंक से कर्ज लिया या इसी तरह का सौदा किया। ये कर्ज या तो समय पर लौटाये नहीं गये या फिर फंसे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार इन आरोपों की पूरी जांच की जरूरत है। अधिकारियों का कहना है कि 60 वर्षीय अंबानी को सबसे पहले सोमवार को बुलाया गया था लेकिन उन्होंने कुछ निजी कारणों से उपस्थिति से छूट का आग्रह किया है। 
रिजर्व बैंक संकट में फंसे यस बैंक पर इस महीने की शुरूआत में रोक के बाद ईडी ने कपूर तथा अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच शुरू की है। इस रोक के तहत यस बैंक के जमाकर्ताओं को खाते से 50,000 रुपये ही निकालने की अनुमति दी गयी थी। 
ईडी ने कपूर तथा उनके परिवार के सदस्यों पर गलत तरीके से 4,300 करोड़ रुपये कमाने ओर उसे सफेद बनाने का आरोप लगाया है। उन लोगों को ये पैसे अपने बैंक के जरिये बड़े कर्ज देने के एवज में कथित रिश्वत के रूप में मिले। बाद में ये सभी कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बन गयी। 
अनिल अंबानी की नौ समूह कंपनियों ने यस बैंक से करीब 12,800 करोड़ रुपये कर्ज लिया है। पिछले सप्ताह रिलायंस समूह ने एक बयान में कहा था कि उसका बैंक से पूरा कर्ज सुरक्षित है और कारोबार के लिये सामान्य प्रक्रिया के तहत लिये गये। बयान में कहा गया था, ‘‘समूह यस बैंक से लिये गये अपने सभी कर्ज के भुगतान को लेकर प्रतिबद्ध है….।’’ 
इसके अलावा एस्सेल समूह पर कथित रूप से 8,400 करोड़ रुपये कर्ज है। वहीं डीएचएफएल पर यस बैंक का करीब 3,700 करोड़ रुपये का कर्ज है। सुभाष चंद्रा ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘एस्सेल समूह ने राणा कपूर या उसके परिवार अथवा उनके द्वारा नियंत्रित इकाइयों के साथ कोई लेन-देन नहीं किया।’’ 
उन्होंने लिखा है,‘‘मैंने ईडी से अनुरोध किया है कि वह सूचना के बारे में बयान दे जो पहले से उनके पास है। उनके कहने पर उनके कार्यालय में उपस्थित होने पर मुझे खुशी है…हम सभी प्रकार का सहयोग करेंगे।’’ अधिकारियों के अनुसार जेट एयरवेज पर यस बैंक का 550 करोड़ रुपये बकाया है। एयरलाइन के संस्थापक नरेश गोयल मनी लांड्रिंग के दूसरे मामले में पहले ईडी की जांच के घेरे में हैं। 
एजेंसी इंडिया बुल्स के खिलाफ भी इसी प्रकार के मामले की जांच कर रही हैं। अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर को भी एजेंसी ने इसी मामले में तलब किया है। इसके अलावा यस बैंक के पूर्व और मौजूदा कार्यकारियों और प्रबंधन को भी जांच अधिकारी ने सप्ताह के दौरान दौरान तलब किया है। ईडी पहले ही बैंक के पूर्व सीईओ रवनीत गिल को हिरासत में ले चुकी है। 
अधिकारियों के अनुसार कुछ अन्य उद्योगपतियों को जल्दी ही तलब किया जा सकता है जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन को यस बैंक ने कर्ज दिया था और ये सभी ऋण फंसे हुए हैं। 

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