राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने रविवार को युवाओं से आह्वान किया कि वह व्यक्तिगत स्वार्थ त्याग कर राष्ट्र के उत्थान में सहयोगी बनें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय युवा संकल्प शिविर के समापन समारोह को यहां संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘युवा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ त्याग कर राष्ट्र के उत्थान में सहयोगी बनें।’’
संघ की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा, ‘‘अगर युवा अपने समय का छोटा हिस्सा भी राष्ट्रहित के काम में लगाने का संकल्प लें तो भारत विश्वगुरु बनकर उभरेगा।’’
भागवत ने कहा कि युवा आज यहाँ से यह संकल्प लेकर जायें कि वह अपना जीवन राष्ट्र एवं समाज के हित में कार्य कर सार्थक बनाएं।
उनके इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह बयान मध्यप्रदेश में आया है जहां की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को विरोध कर रही है।
इसके अलावा, आरएसएस का यह शिविर उस समय लगाया गया, जब देश में सीएए का विरोध चल रहा है और कुछ विश्वविद्यालयों में युवा महिला एवं पुरूषों का यह प्रदर्शन हिंसा में बदल गया है।
आरएसएस सूत्रों से मिली जानकारी के अुनसार इस युवा संकल्प शिविर में भाग लेने के लिए मध्यप्रदेश के 16 जिलों से 1,376 युवा शिक्षार्थी एवं 315 प्रबंधकों ने भाग लिया जिनकी आयु 16 से 30 वर्ष के बीच है। यह शिविर गुना के वीर सावरकर नगर में लगाया गया है।
तीन दिवसीय इस शिविर में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत एवं अखिल भारतीय व क्षेत्रीय अधिकारियों ने युवाओं से राष्ट्र एवं व्यक्तित्व निर्माण के विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
इस शिविर के लिए बसाये गए वीर सावरकर नगर में स्वदेशाभिमान प्रदर्शनी का सजाई गयी थी। शिविर के आखिरी दिन भागवत प्रदर्शनी देखने पहुंचे।
शिविर के आखिरी दिन शिक्षार्थियों ने भागवत के सामने पूर्ण गणवेश में शारीरिक योग व्यायाम का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में व्यायाम योग, दण्डयोग, आसन एवं सुभाषित गीत का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के लिए युवा गत तीन महीनों से तैयारी कर रहे थे। इसके साथ ही नियुद्ध एवं दण्ड का भी प्रदर्शन किया गया।