लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

‘जीरो बजट खेती’ का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना : पुरुषोत्तम रुपाला

सरकार का उद्देश्य अब किसानों को ज्यादा आमदनी देने वाली उपज की ओर ले जाना है। उसने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने मंगलवार को कहा कि बजट में ‘जीरो बजट खेती’ की नीति का प्रस्ताव किसानों की आमदनी बढ़ने के उद्देश्य से किया गया है। जीरो बजट खेती में खेतों तथा पशुधन से प्राप्त बीज एवं जैविक खाद का ही इस्तेमाल खेती के लिए किया जाता है। इस प्रकार बाहर से कुछ भी खरीदकर किसान को निवेश नहीं करना होता है। 
पुरुषोत्तम रुपाला ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अब तक कृषि नीति का मसौदा इस सोच पर आधारित होता था कि उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए। वह काफी प्रभावी रहा है। अब देश न सिर्फ खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है, बल्कि हम निर्यात भी करते हैं। 
1558531709 farmer 1
सरकार का उद्देश्य अब किसानों को ज्यादा आमदनी देने वाली उपज की ओर ले जाना है। उसने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत चालू वित्त वर्ष के बजट में ‘जीरो बजट खेती’ की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ने के अन्य उपायों के तहत हर किसान परिवार को हर चार महीने में दो-दो हजार रुपये देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गयी है। इसके तहत सात करोड़ किसानों के बैंक खातों में योजना की किस्त दी जा चुकी है।

देश पंचायतों में 50% महिला आरक्षण के बारे में विचार विमर्श जारी : नरेंद्र सिंह तोमर

पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि पारंपरिक कृषि योजना के तहत तीन साल तक किसानों को प्रति दो हेक्टेयर 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। योजना के तहत किसानों को उर्वरक की जगह यथासंभव जैविक खाद का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। 
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, द्वारा किए गए  अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है कि संतुलित मात्रा में उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता पर दीर्घावधि में कोई कुप्रभाव नहीं पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।