Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र कुमार चौधरी ने शुक्रवार को घाटी से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर मीडिया के सवालों के जवाब दिए। सुरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा, आजकल, जम्मू-कश्मीर में एक नई शुरुआत हुई है, खासकर खेलों के क्षेत्र में। यहां पर जो वरिष्ठ (सीनियर) खिलाड़ी हैं, उनके लिए एक खास अवसर आया है। उन्होंने लंबे समय से जो मेहनत की है, अब उनके प्रयासों को और सम्मान मिल रहा है। इस संदर्भ में, एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, और वह है मास्टर गेम्स एसोसिएशन का गठन, जो जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शुरू हुआ है।
राज्य के खिलाड़ियों को मिलेगा मंच
इस पहल का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ खिलाड़ियों को एक मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपनी खेल यात्रा जारी रख सकें और अपनी शारीरिक फिटनेस को बनाए रखें। यह टूर्नामेंट सिर्फ एक प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि एक तरीके से एक प्रेरणा भी है, जो आने वाली पीढ़ी को खेलों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि मास्टर गेम्स की शुरुआत करने में जिन लोगों का योगदान है, उनमें चिप्स साहब और नीति कौर का नाम खास तौर पर लिया जा सकता है। उनका समर्थन और मार्गदर्शन इस आयोजन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस तरह के आयोजनों का प्रभाव केवल वर्तमान खिलाड़ियों पर नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी पर भी पड़ेगा।
फिटनेस के प्रति जागरूकता फैलाना
उम्मीद जताई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस पहल से लाभान्वित होंगे, क्योंकि यह खेल और फिटनेस के प्रति जागरूकता फैलाने का एक बड़ा अवसर है। इसके माध्यम से, जो लोग खेलों से बाहर हो गए थे, उन्हें फिर से खेल के मैदान में लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में एक समय था, जब लोग खेल छोड़ देते थे और फिर उनकी कहानी धीरे-धीरे गुम हो जाती थी। अब यह स्थिति बदल रही है। खेलों में भाग लेना और नियमित व्यायाम करना केवल शारीरिक फिटनेस के लिए नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक भलाई के लिए भी जरूरी है।
खेल के माध्यम ने युवाओं को मिलेगी सकारात्मक दिशा
आजकल, जब लोग अपने स्वास्थ्य और जीवनशैली के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं, तो ऐसे आयोजनों से न केवल वरिष्ठ खिलाड़ियों को, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलती है। एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए खेल बहुत महत्वपूर्ण हैं, और जम्मू कश्मीर में इसे बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजनों की जरूरत है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस समय युवाओं के लिए खेलों को बढ़ावा देने की अत्यधिक आवश्यकता है, खासकर जब यह देखा जा रहा है कि ड्रग्स और नशे की समस्या यहां के युवाओं में बढ़ती जा रही है। खेलों के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक दिशा में मोड़ा जा सकता है।
खेल से मानसिक और शारीरिक स्थिति होगी बेहतर
इससे न सिर्फ उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। जिन वरिष्ठ खिलाड़ियों ने देश और विदेश में नाम कमाया है, वे आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श बन सकते हैं। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और खेल मंत्री सतीश शर्मा का यह प्रयास है कि इस प्रकार के खेल आयोजनों को राज्य में बढ़ावा दिया जाए और खिलाड़ियों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।
यह कदम सरकार की सकारात्मक सोच को दर्शाता है
यह सरकार की सकारात्मक सोच को दर्शाता है कि खेलों के क्षेत्र में भी विकास हो, और युवाओं को एक दिशा मिले। हालांकि, पाकिस्तान के साथ होने वाले मैचों को लेकर सरकार का स्पष्ट रुख है। आतंकवाद की वजह से जम्मू-कश्मीर में जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसके कारण भारतीय टीम ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार किया है। इस मुद्दे पर फैसला केंद्र सरकार ने लिया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि देश की सुरक्षा और सम्मान हमेशा प्राथमिकता हो।
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