Jammu and Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार गांदरबल विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। वहीं गांदरबल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के एक बागी समेत छह अन्य उम्मीदवार भी मैदान में उतरे हैं।
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव(Jammu and Kashmir Elections) को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर उमर अब्दुल्ला अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए उत्तरी कश्मीर के गांदरबल विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे। श्रीनगर से गांदरबल तक उनके साथ कई वरिष्ठ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पार्टी कार्यकर्ता भी थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उमर अब्दुल्ला मध्य कश्मीर की बडगाम सीट से भी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैंने गांदरबल से नामांकन पत्र भर दिया है। आइए इस बारे में बात न करें कि कौन कहां से चुनाव लड़ रहा है। गांदरबल के लोगों ने मुझे तीन बार संसद सदस्य और एक बार विधायक के रूप में चुना है। मैंने इश्फाक जब्बार के लिए अपनी सीट सिर्फ इसलिए छोड़ दी क्योंकि मैंने उनसे ऐसा करने का वादा किया था और फिर वह विधायक बन गए लेकिन उन्होंने गांदरबल के लोगों को धोखा दिया। आज हम गांदरबल के विकास के लिए चुनाव लड़ने जा रहे हैं।"
बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उमर अब्दुल्ला के प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों में जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट (जेकेयूएम) के इश्फाक जब्बार और कांग्रेस के बागी नेता साहिल फारूक शामिल हैं। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के उम्मीदवार कैसर अहमद ने भी अपना नामांकन दाखिल किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांदरबल में उमर अब्दुल्ला के खिलाफ करीब 30 उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
जेल में बंद मौलवी सरजन बरकती की छोटी बेटी सुगरा बरकती ने पत्रकारों को बताया है कि उनके पिता उमर अब्दुल्ला के खिलाफ गांदरबल से चुनाव लड़ेंगे। सरजन अहमद वागे उर्फ सरजन बरकती ने शोपियां जिले के जैनपोरा विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। जेल अधीक्षक द्वारा विधिवत सत्यापित अनिवार्य शपथ प्रमाण पत्र की कमी के कारण उनके नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया। उनकी बेटी ने पत्रकारों को बताया कि उनके पिता के सभी तरह से पूरे कागजात अब गांदरबल से उमर अब्दुल्ला के खिलाफ दाखिल किए जाएंगे।
8 जुलाई 2016 को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में हिजबुल के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद 2016 में अपने भारत विरोधी उपदेशों और भाषणों के माध्यम से युवाओं को आतंकवादी रैंकों में शामिल होने और अलगाव का समर्थन करने के लिए उकसाने में बरकती की महत्वपूर्ण भूमिका थी। बरकती और उनकी पत्नी दोनों ही आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े धन शोधन के आरोप में फिलहाल जेल में हैं।
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