Jammu-Kashmir: श्रीनगर में शनिवार को छिपे हुए आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच जारी गोलीबारी में सीआरपीएफ के दो जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने खानयार इलाके में घेराबंदी एवं तलाशी अभियान शुरू किया।
एक अधिकारी ने कहा, जैसे ही सुरक्षा बल छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंचे, उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई जो अब भी जारी है। श्रीनगर शहर के बीचों-बीच 10 साल से ज्यादा समय बाद मुठभेड़ की घटना हुई है। यह क्षेत्र कभी अलगाववादी भावनाओं का केंद्र था और आतंकवादी इस क्षेत्र में खुलेआम घूमते थे। धीरे-धीरे सुरक्षा बलों ने इन इलाकों से आतंकवाद को खत्म करने में कामयाबी हासिल की। ऐसा माना जा रहा था कि श्रीनगर शहर, और खास तौर पर शहर के निचले इलाकों, से आतंकवाद का सफाया हो चुका है। हालांकि खानयार क्षेत्र में चल रही गोलीबारी से इस धारणा को धक्का लगा है।
एक अन्य जारी अभियान में अनंतनाग जिले के शांगस-लारनू इलाके में हलकान गली के पास सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। शुक्रवार को आतंकवादियों ने बडगाम जिले के मगाम क्षेत्र के मजहामा गांव में उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो गैर-स्थानीय मजदूरों संजय और उस्मान को गोली मारकर घायल कर दिया था। दोनों घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई।
पिछले महीने आतंकवादियों ने गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट कंपनी के छह गैर-स्थानीय कर्मचारियों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या कर दी थी। कर्मचारी गगनगीर से सोनमर्ग पर्यटक स्थल तक एक सुरंग परियोजना पर काम कर रहे थे जिसके पूरी होने के बाद श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग हर मौसम में खुला रहेगा और इलाके में आर्थिक विकास और रोजगार पैदा होंगे। इसके बाद एक अन्य घटना में आतंकवादियों ने बारामूला जिले के गुलमर्ग के बूटा पाथरी इलाके में सेना के तीन जवानों और दो गैर-सैनिक पोर्टरों की हत्या कर दी।
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