जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग अटैक के बाद आतंकियों की नई साजिश नाकाम, सेना ने बारामूला में दो संदिग्धों को पकड़ा, पिस्तौल-हैंड ग्रेनेड बरामद

जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में भारतीय सेना ने अनंतनाग अटैक के बाद सर्च ऑपरेशन में उरी कस्बे में दो संदिग्धों को पकड़ा किया है,
जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग अटैक के बाद आतंकियों की नई साजिश नाकाम, सेना ने  बारामूला में दो संदिग्धों को पकड़ा, पिस्तौल-हैंड ग्रेनेड बरामद
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जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में भारतीय सेना ने अनंतनाग अटैक  के बाद सर्च ऑपरेशन में उरी कस्बे में दो संदिग्धों को पकड़ा किया है, इन दोनों के पास से  सेना के जवानों को उनके पास से  दो पिस्तौल, पांच हैंड ग्रेनेड और अन्य युद्ध सामग्री बरामद हुई है, भारतीय सेना ने इसकी जानकारी दी है बता दें कि अनंतनाग हमले में भारतीय सेना के चार जवान शहीद हो गए जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चला रही है।
आतंकियों से मुठभेड़ में सेना चार जवान शहीद 
अधिकारियों ने कहा, कि भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जरिए दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर उरी, बारामूला में 14 सितंबर को एक 'मोबाइल व्हीकल चेकपोस्ट' स्थापित किए गए, इस चेकपोस्ट पर तैनात जवानों ने अब उरी में दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है,अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। दरअसल अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ तीसरे तीन भी जारी है, अब तक इस एनकाउंटर में चार जवान शहीद हो गए हैं, जबकि पांच जवानों के घायल होने की खबर है, एनकाउंटर में सेना के 19 राष्ट्रीय राइफल यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, कंपनी कमांडर मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट शहीद हुए हैं, सेना ने शुक्रवार सुबह चौथे जवान का शव बरामद कर लिया है, मगर उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
अनंतनाग अटैक के पीछे थी साजिश की पूरी प्लानिंग
अनंतनाग हमले में चार सेना के जवानों की आतंकियों से मुठभेड़ में जान चली गई है, बता दें कि 12 सितंबर 2023 की सुबह जिस समय कश्मीर  में सभी लोग सो रहे थे, उसी वक्त खुफिया एजेंसी को एक खबर मिली, जो जासूस आंतकवादियों को सूचना देने का काम कर रहा था, जो पुलिस के लिए नहीं बल्कि आतंकियों से मिला था, उस जासूस ने  जम्मू-कश्मीर पुलिस तक खबर पहुंचाई कि कोकेरनाग के जंगल में एकदम सटीक लोकेशन पर आतंकवादी संगठन लश्कर के दो खूंखार आतंकवादी छुपे है। जी हां यह वही मुखबिर है जो आतंकवादियों को बता रहा था कि आर्मी, पुलिस कब आ रही है उसमें आतंकियों को यह भी बता दिया था की टीम कैसे और कितनी संख्या में आ रही है?  वह पुलिस का मुखबिर नहीं बल्कि आतंकियों का एक एजेंट था।

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